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Delhi: दिल्‍ली में शुरू हुआ एंटी डस्ट कैंपेन, 13 विभागों की पेट्रोलिंग टीमें की गई तैनात, जानिए कैंपेन के बारे में क्या बोले पर्यावरण मंत्री?

दिल्ली में सोमवार से दिल्ली सरकार द्वारा एंटी डस्ट कैंपेन की शुरुआत की गई। यह कैंपेन 8 जून तक चलाया जाएगा। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद अभियान के बारे में जानकारी दी। पर्यावरण मंत्री ने बताया कि इस कैंपेन के तहत पूरी दिल्ली में निगरानी के लिए 13 विभागों की 629 कर्मियों की 235 पेट्रोलिंग टीम और 433 कर्मियों की 165 पेट्रोलिंग टीम रात में तैनात की गई हैं।

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Delhi: दिल्‍ली में शुरू हुआ एंटी डस्ट कैंपेन, 13 विभागों की पेट्रोलिंग टीमें की गई तैनात, जानिए कैंपेन के बारे में क्या बोले पर्यावरण मंत्री?

दिल्ली में सोमवार से एंटी डस्ट कैंपेन को शुरू किया गया है। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को विभिन्न विभागों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद कैंपेन के बारे में जानकारी दी।

दिल्ली में शुरू किए गए एंटी डस्ट कैंपेन को लेकर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने जानकारी देते हुए बताया कि कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन (सीएंडडी) पोर्टल पर 500 वर्ग मीटर से अधिक के सभी निर्माण साइट्स का सेल्फ रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। सभी विभागों को सीएंडडी साइट्स की लगातार निरीक्षण करने और कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 नियमों के उल्लंघन पर कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए गए हैं। उन्होंने बताया कि धूल प्रदूषण को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों , 609 वॉटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन की तैनाती गई है और 70 नई एकीकृत मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों और 250 एकीकृत वाटर स्प्रिंकलर मशीनों की जल्द खरीद के लिए सोमवार को सभी विभागों के साथ समीक्षा बैठक की गई।

दिल्ली में वायु प्रदूषण में हो रहा है सुधार : पर्यावरण मंत्री

वहीं, कैंपेन के बारे में पर्यावरण मंत्री ने बताया कि सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कड़े कदमों की वजह से दिल्ली में वायु प्रदूषण में लगातार सुधार हो रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए कदमो के कारण 2016 से 2022-23 तक दिल्ली के वायु प्रदूषण में 30 फीसद की भी कमी देखी गई है। जब से दिल्ली सरकार द्वारा रियल टाइम सोर्स अपोर्शनमेंट स्टडी को शुरू किया गया है, तब से यह अनुभव किया गया है कि सर्दियों में प्रदूषण के कारण अलग हैं और गर्मियों में प्रदूषण के कारण अलग हैं। सर्दियों में प्रदूषण अधिकतर मौसम में बदलाव के कारण होता है। इसमें पराली जलाने, पटाखों, गाड़ियों से होने वाले धुंए और खुले में आग जलाना शामिल है।

'कूड़े पहाड़ों में आग लगने की वजह से होता है प्रदूषण'

पर्यावरण मंत्री ने कहा कि गर्मियों में मुख्य रूप से धूल, कूड़े के पहाड़ों व झाड़ियों में आग लगने की वजह से प्रदूषण होता है। इसी कारण गर्मियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए 1 मई को सीएम अरविंद केजरीवाल द्वारा 14 फोकस प्वाइंट पर आधारित समर एक्शन प्लान की घोषणा की गई थी। दिल्ली में वायु प्रदूषण में और सुधार लाने के लिए समर एक्शन प्लान के तहत हमारी सरकार 8 मई यानी आज से अगले एक महीने के लिए दिल्ली में एंटी डस्ट कैंपेन शुरू कर रही है।

टीमों का किया गया है गठन

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि एंटी डस्ट कैंपेन के तहत पूरी दिल्ली में निगरानी को लेकर 13 विभागों की 629 कर्मियों की 235 पेट्रोलिंग टीम और 433 कर्मियों की 165 पेट्रोलिंग टीम रात में तैनाती की गई है। यह टीमें 24 घंटे दिल्ली में डस्ट पॉल्यूशन की घटनाओं की निगरानी और उसे रोकने का काम करेंगी। जिसकी रिपोर्ट समय-समय पर पर्यावरण विभाग और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के साथ साझा की जाएगी।

कंस्ट्रक्शन साइट्स का सी एंड डी साइट के पोर्टल पर होगा रजिस्ट्रेशन

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि कंस्ट्रक्शन साइट्स से पैदा होने वाला धूल प्रदूषण लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक साबित होता है। इसी दिशा में कार्य करने के लिए कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन पोर्टल को लांच किया गया था। इस पोर्टल पर 500 स्क्वायर मीटर से अधिक सभी साइट्स का सेल्फ रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य है। अभी तक 750 साइट्स का इस पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है। इस अभियान के तहत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सक्रिय सी एंड डी साइटें पोर्टल पर पंजीकृत हो जाएं और डीपीसीसी द्वारा पोर्टल पर रजिस्टर्ड सभी पंजीकृत साइट्स की सेल्फ असेसमेंट रिपोर्ट की समीक्षा का कार्य किया जाएगा। साथ ही सभी कंस्ट्रक्शन साइटों पर निर्माण संबंधी 14 नियमों को लागू करना जरूरी है। इसके लिए विभागों को निर्माण साइट्स की लगातार निगरानी करने के निर्देश जारी किए गए है। कंस्ट्रक्शन साइटों पर नियम उल्लंघन होने पर एनजीटी की निर्देश के मुताबिक विभाग द्वारा उचित कार्रवाई की जाएगी।

एंटी स्मॉग गंस व वॉटर स्प्रिंकलर की गई है तैनाती

वहीं, पर्यावरण मंत्री ने बताया कि डस्ट पॉल्यूशन को रोकने के लिए 84 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों , 609 वॉटर स्प्रिंकलर और 185 मोबाइल एंटी-स्मॉग गन की पूरी दिल्ली में तैनाती की गई है। धूल प्रदूषण को लेकर पहले केवल 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साईट पर ही एंटी स्मोग गन लगाने का नियम था। अब नए नियम के आधार पर 5 हजार वर्ग मीटर से लेकर उससे अधिक के एरिया के निर्माण साइट पर एंटी स्मोग गन लगाना अनिवार्य कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि 5 हजार से 10 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साईट पर एक एंटी स्मोग गन की तैनाती की जाएगी। 10 हजार से 15 हजार वर्ग मीटर के निर्माण साईट पर दो एंटी स्मोग गन की तैनाती की जाएगी। 15 हजार से 20 हजार वर्ग मीटर निर्माण साइट पर तीन एंटी स्मोग गन और 20 हजार वर्ग मीटर से ऊपर के निर्माण साइट पर कम से कम चार एंटी स्मोग गन होनी चाहिए।

प्रदूषण के हॉटस्पॉट्स पर चलाया जाएगा विशेष अभियान

पर्यावरण मंत्री ने बताया कि विशेष अभियान के जरिए सभी 13 हॉटस्पॉट में रोजाना वायु प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले स्रोतों का रियल टाइम अपोर्शनमेंट स्टडी के आधार पर पता लगाया जाएगा और वहां के नोडल अधिकारियो को उनके एरिया में होने वाले प्रमुख प्रदूषण के कारको की जानकारी साझा की जाएगी ताकि उस पर तुरंत कार्रवाई कर सके।

'मैकेनिकल रोड स्वीपिंग व वाटर स्प्रिंकलर मशीनें खरीदी जाएंगी'

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि इसके तहत सड़क से जो प्रदूषण होता है, उसके लिए 70 एकीकृत मैकेनिकल रोड स्वीपिंग (एमआरएस) मशीनों और 250 एकीकृत वाटर स्प्रिंकलर मशीनों की जल्द खरीद की जाएगी ताकि सड़कों से होने वाले प्रदूषण को रोका जा सके। इसके लिए आज दिल्ली सचिवालय में सभी सम्बंधित विभागों के साथ समीक्षा बैठक की गई। बैठक के दौरान पर्यावरण विभाग, डीपीसीसी , दिल्ली जल बोर्ड, पीडब्ल्यूडी आदि के अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि इस एंटी डस्ट कैंपेन से गर्मियों के मौसम में होने वाले प्रदूषण से दिल्ली के लोगों को काफी हद तक राहत मिलेगी और यह दिल्ली के पर्यावरण सुधार और प्रदूषण नियंत्रण में एक अहम भूमिका निभाने का कार्य करेगा।