
13 साल के बाद भी 'निर्भया कांड' हर साल देश की आत्मा को झकझोर देती है
Nirbhaya case 13 year : देश की राष्ट्रीय राजधानी में अपने सुनहरे सपने लेकर पढ़ाई करने आई देश की एक भावी डॉक्टर को दरिंदों ने चलती बस में नोच डाला। इस दरिंदगी में शामिल सारे आरोपी किसी पिशाच से कम नहीं थे। उन्होंने 23 साल की लड़की से उसके बॉयफ्रेंड के सामने सिर्फ गैंगरेप ही नहीं किया, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में लोहे का रॉड तक डाल दिया। इससे भी दरिंदों का मन नहीं भरा तो उसे चलती बस से सड़क के किनारे उसे लगभग निर्वस्त्र हालात में फेंक दिया। ठंड का समय और शरीर पर कपड़े नहीं होने के चलते उसकी हालत खराब हो गई और उसने घटना के लगभग 13 दिन बाद इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। आज इस घटना को 13 साल बीत गए, लेकिन यह घटना की यादें आज भी लोगों के जेहन में ताजा हैं।
16 दिसंबर की रात देश की राजधानी दिल्ली की सड़कों पर केवल अपराध नहीं हुआ था बल्कि इंसानियत को रौंदने का काम किया गया था। दरअसल देश की एक बेटी बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती थी, लेकिन वह एक काली रात को दरिंदो की भेट चढ़ गई। दरअसल, साल 2012 में चलती बस में एक मेडिकल छात्रा से हैवानों ने पहले गैंगरेप किया फिर बेरहमी के साथ उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दिया। इसके बाद रूह कंपाने वाली ठंड में उसे चलती बस से बाहर फेंक दिया। इलाज के दौरान पीड़ित छात्रा ने दम तोड़ दिया था। इलाज के दौरान जीवन जीने और सपनों को सजाने के प्रति उसकी दृढ़ इच्छाशक्ति पर डॉक्टर भी हैरान थे। इसलिए डॉक्टरोंं ने उसे निर्भया नाम दिया। इस 23 साल की 'निर्भया' को इंसाफ दिलाने के लिए देश के कोने-कोने तक विरोध प्रदर्शन किए गए और आरोपियों को फांसी देने की मांग उठाई गई।
गौरतलब है कि दिल्ली में साल 2012 में एक 23 साल की छात्रा फिल्म देखने के लिए अपने दोस्त के साथ मॉल गई थी। वापस आते समय मुनिरिका से दोनों एक प्राइवेट बस में चढ़ गए। उस बस में पहले से 6 और लोग सवार थे। पहले तो कुछ देर बस चलती रही और सब कुछ सामान्य था, लेकिन थोड़ी ही देर बाद अचानक बस का रूट बदल गया और सभी दरवाजे भी बंद हो गए। उसके बाद बस में सवार सभी लोग उस मेडिकल छात्रा पर टूट पड़े। छात्रा के दोस्त ने जब इसका विरोध किया तो आरोपियों ने उसे लोहे की रॉड से मारकर घायल कर दिया। फिर बस चलती रही और दरिंदों ने दरिंदगी की सारी हदें पार करते हुए छात्रा के साथ बारी-बारी से रेप किया। सामूहिक दुष्कर्म से दरिंदों का मन नहीं भरा तो उन्होंने छात्रा के प्राइवेट पार्ट में लोहे का रॉड डाल दिया। इसके बाद ठिठुरती ठंड में उसे चलती बस से सड़क किनाने लगभग निर्वस्त्र हालत में फेंक दिया।
चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म और प्राइवेट पार्ट में लोहे का रॉड पड़ा होने से निर्भया सड़क किनारे दर्द से छटपटा रही थी, लेकिन उसका हौसला नहीं टूटा था। हालांकि घटना के 13 दिन बाद इलाज के दौरान उसने 29 दिसंबर को दम तोड़ दिया। दूसरी ओर घटना के अगले ही दिन यानी 17 दिसंबर को यह खबर पूरे देश में आग की तरह फैल गई। देखते ही देखते पीड़िता को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा देश एकजुट होने लगा और पूरे देश में धरना प्रदर्शन शुरू हो गए। देश के कोने-कोने से आवाज गूंजने लगी की निर्भया के आरोपियों को फांसी दी जाए। प्रदर्शन का असर ऐसा पड़ा कि सरकार को महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सख्त कानून भी बनाने पड़े।
इस घटना को अंजाम देने वाली बस में कुल आठ लोग सवार थे। इसमें मेडिकल छात्रा, उसका बॉयफ्रेंड और 6 आरोपी शामिल थे। इसमें राम सिंह बस चालक था। इसके अलावा मुकेश सिंह, विनय शर्मा, पवन गुप्ता अक्षय कुमार और एक आरोपी नाबालिग था। घटना के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था और छानबीन करने के साथ कानूनी कार्रवाई की जा रही थी। इसी बीच ट्रायल के दौरान ही ड्राइवर राम सिंह ने तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली। वहीं, नाबालिक जांच में दोषी पाया गया और उसे 3 साल के लिए सुधार बाल गृह भेज दिया गया था। साल 2015 में 3 साल पूरा होने के बाद उसे रिहा कर दिया गया। इस रिहाई को लेकर भी देश में विवाद खड़ा हो गया था। बाकी बचे 4 आरोपियों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुना दी थी। इसके बाद आरोपियों की तरफ से तमाम कानूनी दावं भी खेले, मामला सुप्रीम कोर्ट भी गया, लेकिन वहां चारों की सजा को बरकरार रखा गया और 20 मार्च 2020 को तिहाड़ जेल में फांसी के फंदे से लटका दिया गया।
आपको बता दें कि निर्भया कांड के बाद में कानून और हालात दोनों बदल गए। महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर सख्त कानून बनाया गया और फास्ट ट्रैक कोर्ट भी शुरू किए गए। इसके साथ ही निर्भया फंड जैसी योजनाएं भी लाई गईं। वहीं, भारत में 2012 तक कानून के मुताबिक जब तक पीड़िता के साथ सेक्सुअल पेनेट्रेशन नहीं हुआ हो, तब तक उसे रेप नहीं माना जाता था। लेकिन उसके बाद देश में नया कानून और उसके हिसाब से महिला से छेड़छाड़ करना, गलत तरीके छूना और किसी भी तरह से यौन शोषण करना भी रेप शामिल कर दिया गया।
Updated on:
16 Dec 2025 05:27 pm
Published on:
16 Dec 2025 04:39 pm
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