
डीयू में शुरू किए गए 100 दिवसीय कौशल महोत्सव के समापन समारोह का मंगलवार को हुआ आयोजन। इस अवसर पर सहभागियों, प्रशिक्षुओं, रिसोर्स पर्सन्स और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया।
दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) द्वारा शुरू किए गए 100 दिवसीय कौशल महोत्सव के समापन समारोह के अवसर पर मंगलवार को कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव आईएएस अतुल कुमार तिवारी मुख्य अतिथि के रूप में समारोह में शामिल हुए। साथ ही डीयू के डीन ऑफ कॉलेजिस प्रो बलराम पाणी विशिष्ट अतिथि, डीयू के स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (SOL) की निदेशक प्रो पायल मागो सम्मानित अतिथि के तौर पर उपस्थित रहे। इस समारोह के अवसर पर सहभागियों, प्रशिक्षुओं, रिसोर्स पर्सन्स और स्वयंसेवकों को सम्मानित किया गया।
90 संस्थानों के 400 से अधिक प्रतिभागियों को किया गया प्रशिक्षित
डीयू प्रशासन के अनुसार 100 दिवसीय कौशल महोत्सव के मद्देनजर देश भर के 90 विभिन्न संस्थानों और पाठ्यक्रमों के 400 से अधिक प्रतिभागियों को प्रशिक्षित और उन्नत किया गया है। डीयू द्वारा यूथ स्किलिंग और अपस्किलिंग पर फोकस किया जा रहा है।वहीं, महोत्सव के समापन समारोह में कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के सचिव आईएएस अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि भारत के युवाओं के विकास और देश के समग्र विकास के लिए स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग जैसी पहलें महत्वपूर्ण हैं। इन कोर्सों के माध्यम से प्राप्त हुए उपकरणों और तकनीकों के संपर्क में आने से न केवल रोजगार में वृद्धि होगी बल्कि इनोवेशन और एंटरप्रेन्योरशिप को भी बढ़ावा मिलेगा।
'कौशल वातावरण के तहत अपस्किलिंग और रीस्किलिंग को जारी रखना चाहिए'
वहीं, आईएएस अतुल कुमार तिवारी ने कहा कि आज हम दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना की शताब्दी मना रहे हैं, ऐसे में हमें भविष्य के मद्देनजर व्यापक सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के लिए अपने युवाओं को तैयार करते हुए समग्र कौशल वातावरण के महत्वपूर्ण घटकों के रूप में अपस्किलिंग और रीस्किलिंग को जारी रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि अमृत काल में आगे बढ़ने के लिए छात्रों को शिक्षा और कौशल दोनों जरूरी हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय, सरकार की योजनाओं के साथ कदम से कदम मिलकर बढ़ रहा है, यह अच्छी बात है। उन्होंने कहा कि डीयू की ओर से सीआईआईडीआरईटी के लिए जो भी संभव सहयोग होगा वो करेंगे। यह कार्य मात्र 100 दिनों पर ही समाप्त नहीं होना चाहिए, बल्कि आगे भी बढ़ना चाहिए।
'अपस्किलिंग के साथ इनोवेशन को बढ़ावा देने वाले स्किलिंग हब की होनी चाहिए स्थापना'
वहीं, महोत्सव के समापन समारोह में सीआईआईडीआरईटी की निदेशक प्रो अमिता गुप्ता ने 100 दिवसीय कौशल महोत्सव पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि 'बियॉन्ड क्लासरूम लर्निंग' कार्यशालाओं के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाने से बेहतर रोजगार के लिए उनकी शिक्षा में मूल्य वृद्धि होगी और वह इनोवेशन एवं एंटरप्रेन्योरशिप की ओर बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि स्किलिंग केवल रोजगार के लिए एक मार्ग के रूप में नहीं है बल्कि स्किलिंग टेक्नोलॉजी के निर्माण और आत्मनिर्भरता का प्रवेश द्वार भी है। प्रो गुप्ता ने कहा कि अपस्किलिंग के साथ इनोवेशन को बढ़ावा देने वाले स्किलिंग हब की स्थापना और प्रचार किया जाना चाहिए।
'कौशल महोत्सव को अन्य विषय क्षेत्रों में विस्तारित करने की है जरूरत'
वहीं, समारोह में अपने समापन संबोधन में डीएसएसईईडी के निदेशक प्रो वी.के. चौधरी ने कहा कि 100 दिवसीय कौशल महोत्सव एक उदाहरण है जिसे अन्य विषय क्षेत्रों में विस्तारित करने की आवश्यकता है ताकि कौशल, सभी स्तरों पर, शिक्षा पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य और अभिन्न हिस्सा बन जाए।
Published on:
09 May 2023 09:39 pm
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