नई दिल्ली. जमाने के साथ युद्ध के तरीके भी बदले तो रक्षा मंत्रालय ने अब साइबर हमले की हर कोशिश से देश को बचाने के लिए कमर कसी है। सेना और राष्ट्रीय स्तर की एजेंसियों के 100 से अधिक अधिकारियों को साइबर हमले को नाकाम करने की विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है। सोमवार से शुरू हुई ट्रेनिंग का सिलसिला 27 जून तक चलेगा। इससे पूर्व गृह मंत्रालय भी 5,000 साइबर कमांडो बनाने की योजना पर पहले ही कार्य तेज कर चुका है। मकसद है कि देश को अंदर और बाहर दोनों ओर से साइबर खतरों को किस तरह से सुरक्षित रखा जाए।
रक्षा मंत्रालय के हेडक्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ की पहल पर राष्ट्रीय साइबर एजेंसी की ओर से व्यापक साइबर सुरक्षा अभ्यास 27 जून तक आयोजित किया जाएगा। इस दौरान अधिकारियों को कई चरण में ट्रेनिंग दी जा रही है। इसमें सेना के सभी अंगों से लेकर एजेंसियों से जुड़े प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। इस दौरान अधिकारियो को साइबर हमले के बदलते तौर-तरीकों और उनसे निपटने के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, ऐसी ट्रेनिंग अब नियमित अंतराल पर होगी ताकि सभी अफसरों में साइबर हमले से निपटने का कौशल विकसित हो सके।
खेल-खेल में दिया जा रहा प्रशिक्षण
अधिकारियों को गेमीफाइडल यानी खेल-खेल के माहौल में ट्रेनिंग दी जा रही है। साइबर हमले के उदाहरण मौके पर पेश कर उसकी काट खोजने के गुर सिखाए जा रहे हैं। ट्रेनिंग के बाद अधिकारियों की परीक्षा लेकर उनके कौशल का भी परीक्षण हो रहा है। किस तरह से साइबर हमले कर किसी देश की आंतरिक सुरक्षा को तार-तार किया जा सकता है, इससे कैसे बचा जा सकता है, क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, जैसे बिंदुओं पर ट्रेनिंग दी जा रही है।
Published on:
18 Jun 2025 12:18 am