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तंजानिया, सूडान सहित कई देश अपनाएंगे भारत का क्लीन कुकिंग गैस मॉडल

भारत ने खाना पकाने (क्लीन कुकिंग) के स्वच्छ अभियान को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए दूसरे देशों को साथ लिया है। दिल्ली में चल रहे इंडिया एनर्जी वीक के दूसरे दिन केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में विभिन्न देशों के मंत्रियों के बीच राउन्ड टेबल मीटिंग हुई।

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Minister Hardeep Singh Puri

भवनेश गुप्ता/नई दिल्ली। भारत ने खाना पकाने (क्लीन कुकिंग) के स्वच्छ अभियान को विश्व स्तर पर ले जाने के लिए दूसरे देशों को साथ लिया है। दिल्ली में चल रहे इंडिया एनर्जी वीक के दूसरे दिन केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी की अध्यक्षता में विभिन्न देशों के मंत्रियों के बीच राउन्ड टेबल मीटिंग हुई। इसमें ब्राजील, तंजानिया, मलावी, सूडान और नेपाल और अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए), टोटल एनर्जी, बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) के प्रतिनिधियों सहित उद्योग जगत की कई बड़ी शख्सियत शामिल हुईं।

मंत्री पुरी ने उज्ज्वला योजना का जिक्र करते हुए इस मॉडल को सफल बताया। ईंधन की उपलब्धता के मामले में इसी तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे अन्य देशों में भी इसी माॅडल को अपनाने की जरूरत जता दी। पुरी ने अल्प-विकसित देशों में खाना पकाने की स्वच्छ तकनीकों में सौर कूकर की उपयोगिता को बताया। इसकी कीमत कम करने पर काम चल रहा है।

देशों ने कहा- राजनीतिक इच्छाशक्ति और आर्थिक मजबूती जरूरी

1- तंजानिया - उप प्रधानमंत्री और ऊर्जा मंत्री डोटो माशाका बिटेको ने वित्तीय सहायता और एलपीजी, प्राकृतिक गैस और बायोगैस सहित कई ऊर्जा स्रोतों के जरिए समाधान की राह बताई। उन्होंने कहा कि वर्ष  2030 तक 80 प्रतिशत घरों में खाना पकाने के लिए क्लीन एनर्जी उपलब्ध होगी। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसमें वित्तीय बाधाओं को दूर करना, बुनियादी ढांचे की ऊंची लागत में कमी और निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने से जुड़ी कई चुनौतियां हैं।

2- सूडान - ऊर्जा और तेल मंत्री डॉ. मोहिल्दियन नईम मोहम्मद सईद ने एलपीजी आपूर्ति में अंतर को दूर करने के लिए निजी क्षेत्र की भागीदारी की जरूरत जताई उनका कहना था कि स्थानीय सिलेंडर उत्पादन को प्रोत्साहन और सस्ती दर पर आयात सुनिश्चित करना खाना पकाने के स्वच्छ उपायों को व्यापक रूप से अपनाने में प्रमुख बाधाएं बनी हुई हैं।

3- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए)- उप कार्यकारी निदेशक मैरी बर्स वार्लिक ने कहा कि सस्ते ईंधन, उसकी उपलब्धता और बुनियादी ढांचे से संबंधित चुनौतियों से निपटना होगा। भारत इसमें नजीर बन रहा है।  खाना पकाने के स्वच्छ उपायों की उपलब्धता के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) जरूरी है।

4- बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी)-  राहुल पाणंदिकर ने भारत की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) को डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से अंतिम व्यक्ति तक एलपीजी की आपूर्ति करने का श्रेय दिया।

इन्होंने भी रखी बात

रवांडा और नेपाल के प्रतिनिधियों ने इलेक्ट्रिक स्टोव और बायोगैस विस्तार के माध्यम से जलावन की लकड़ी पर निर्भरता कम करने के प्रयासों की जानकारी दी।