
आरोपियों को फांसी न मिलने से दुखी निर्भया के माता-पिता, लिया मतदान नहीं करने का फैसला
नई दिल्ली। 16 दिसंबर 2012 को सामूहिक दुष्कर्म का शिकार हुई निर्भया को देश का कोई भी व्यक्ति नहीं भूल सकता। इस परिवार से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, मामले के दोषियों को सुनाए फांसी की सजा पर अमल नहीं होने के कारण पीड़िता के माता-पिता ने इस बार लोकसभा चुनाव में मतदान न करने का फैसला किया है।
सरकारें बदलीं फिर भी नहीं हुआ इंसाफ
इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, 'पूरे देश को झकझोर देने वाले इस मामले के बाद केंद्र में दो अलग-अलग पार्टियों ने सरकार बनाई, लेकिन फिर भी दोषियों को सजा नहीं मिल सकी। ऐसे में हमें किस पर भरोसा करना चाहिए? अपना वोट किसे देना चाहिए? हमने बड़े भारी मन से इस बार मतदान नहीं करने का फैसला किया है।' वहीं, जब उनसे पूछा गया कि नोटा का भी विकल्प है, फिर मतदान नहीं करने का फैसला क्यों? इस पर पीड़िता के पिता ने जवाब दिया कि आप चाहे नोटा का बटन दबाएं या मतदान नहीं करें, दोनों बातें एक ही हैं।
अभी तक नहीं हुई फांसी
अपना असंतोष जाहिर करते हुए पीड़िता की मां ने कहा इस घटना के तुरंत बाद देश के लगभग सभी राजनीतिक दलों ने महिला सुरक्षा को एक अहम मुद्दा करार दिया था। सड़कों पर जनता की भीड़ को उतरा देख लग रहा था कि सरकार अब महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर हो जाएगी। लेकिन हकीकत यह है कि दोषियों को फांसी की सजा पर अब तक अमल नहीं किया जा सका है। परिवार ने बताया कि उन्होंने नेताओं से लेकर अधिकारियों तक के कार्यालय के कई चक्कर लगाएं। लेकिन कहीं से भी उन्हें संतोषजनक उत्तर नहीं मिला कि आखिर दोषियों फांसी पर कब लटकाया जाएगा। आखिरकार उन्होंने सूचना के अधिकार ( Right to Information ) का भी सहारा लिया, लेकिन इसका भी कोई फायदा नहीं हुआ और उनके सवाल धरे के धरे रह गए। अब वे पूरी व्यवस्था से आहत हैं। उनकी मां ने यहां कहा कि उन्हें लगता है कि दोषी जेल में कुछ दिन रहकर बाहर भी आ जाएंगे। सरकारों की गंभीरता को देखकर लगता नहीं कि दोषियों को फांसी के तख्ते पर कभी भी लटकाया जाएगा।
Published on:
26 Apr 2019 02:59 pm
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