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पाक ने बदली चाल: पहली बार भारतीय सिम से झांसा देकर पाकिस्तानी हसीना ने बनाया ‘गद्दार’

Highlights. सैनिकों को हनीट्रैप से बचाने के लिए भारत ने बीते कुछ समय में नई कवायदें शुरू की, तो पाकिस्तान खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने भी चाल बदल ली जासूसी के लिए पाकिस्तानी इंटेलीजेंस ऑपरेटर अब भारतीय लड़कियों का नाम, शहर और जगह के साथ-साथ भारतीय सिम का भी प्रयोग कर रहे हैं यह खुलासा जयपुर से हिरासत में लिए गए रामनिवास गौरा से पूछताछ के बाद हुआ, एमईएस में ड्राइवर गौरा की एकता नाम की लडक़ी से सोशल मीडिया पर दोस्ती हुई थी

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नई दिल्ली।

हनीट्रैप से अपने सैनिकों को बचाने की भारतीय सेना (Indian Army) की तैयारी के बाद पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ (ISI) ने अपनी चाल बदल दी है। भारत की जासूसी के लिए पाकिस्तानी इंटेलीजेंस आपरेटर यानी पीआइओ (PIO) अब भारतीय लड़कियों का नाम, शहर या फिर जगह का नाम ही प्रयोग नहीं कर रहे हैं बल्कि, पहली बार भारतीय सिम का भी प्रयोग कर रहे हैं।

30 अक्टूबर को जयपुर से हिरासत में लिए गए जासूस राम निवास गौरा (Ram Niwas Gaura) के मामले की तह तक जब मिलिट्री इंटेलीजेंस पहुंची तो यह बात निकलकर सामने आ रही है। गौरा नागौर के परबतसर स्थित बाजवास का रहने वाला है। अब भारतीय खुफिया एजेंसियां बारीकी से पता लगा रही है कि आखिर किस तरह से भारतीय सिम पाकिस्तान में पहुंचा और यह किसके नाम है? गौरा सितंबर से ही मिलिट्री इंटेलीजेंस के राडार पर था।

दस हजार में बेच दिया जमीर

जासूसी में पकड़े गए मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस में कार ड्राइवर गौरा ने बताया है कि फरवरी और मार्च 2020 के आसपास सोशल मीडिया एकाउंटर पर पीआइओ एकता उर्फ जसमीत कौर नाम से रिक्वेस्ट आई और फिर उससे दोस्ती हो गई। एकता ने अपने आप को शिमला में रक्षा लेखा प्रधान नियंत्रक पद पर तैनात बताया।

भारत का वाट्सऐप नंबर दिया

बातचीत थोड़ी बढ़ने के बाद ही एकता ने भारतीय वाट्सऐप नंबर दिया। इसी पर दोनों की आडियो और वीडियोकॉल पर बातें होने लगी। जासूसी कर रही पाकिस्तानी लड़की ने इसी दौरान निवारू और जयपुर में तैनात तमाम यूनिटों की लोकेशन, अधिकारियों के नाम पूछे और राम निवास ने 10 हजार रुपए के बदले यह जानकारी उसे दे दी। पैसा देने के लिए मार्च 2020 में ही पाकिस्तानी हैंडलर को अपना बैंक एकाउंट नंबर भी दे दिया।

पश्चिमी थियेटर कमान की सूचना के बाद बढ़ी सक्रियता

सेना के प्रस्तावित पश्चिमी थियेटर कमान का मुख्यालय जयपुर में बनाने की खबर के बाद आइएसआइ ने इस इलाके से सूचनाएं हासिल करने के लिए अपनी सक्रियता बढा दी है। जयपुर पाकिस्तान के हिसाब से काफी स्ट्रेटजिक डेप्थ भी रखता है।