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प्रतापगढ़ की थेवा कला को कजाकिस्तान में प्रथम पुरस्कार

- प्रतियोगिता में भारत समेत 10 देशों के 200 कलाकारों ने भाग लिया।

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प्रतापगढ़ की थेवा कला को कजाकिस्तान में प्रथम पुरस्कार

प्रतापगढ़ की थेवा कला को कजाकिस्तान में प्रथम पुरस्कार

नई दिल्ली। राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले की प्रसिद्ध थेवा कला को कजाकिस्तान के आर्ट एंड कल्चर कम्पटीशन में द ब्रीथ ऑफ तराज इन आर्ट एंड क्राफ्ट श्रेणी में प्रथम पुरस्कार मिला है। प्रतियोगिता में भारत समेत 10 देशों के 200 कलाकारों ने भाग लिया।

कजाकिस्तान पर्यटन विभाग के मुख्य अधिकारी बी.कुजेम बेकोव व वर्ल्ड क्राफ्ट कौंसिल के ऐदर खान ने थेवा कला को दुनिया भर में पहचान दिलाने वाले पद्मश्री महेश राजसोनी के पुत्र राघव राजसोनी को प्रमाण पत्र व नगद पुरस्कार प्रदान किया।राजसोनी परिवार की छठी पीढ़ी के राघव अपने दिवंगत पिता महेश से विरासत में मिली इस बेजोड़ कला को आगे बढ़ा रहे हैं। गौरतलब है कि राघव को साल 2021 में बेंगलुरु में आयोजित डिजाइनर्स ऑफ इंडिया के कार्यक्रम में भी लाईफ टाइम लेगेसी अवार्ड से सम्मानित किया गया था ।

1964 में मिला था पहला राष्ट्रपति पुरस्कार

400 साल से अपनी कला को जिंदा रखने के बाद 1965 में थेवा कला के लिए राज सोनी परिवार को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया था। 1965 में पहला राष्ट्रपति पुरस्कार हासिल करने के बाद राजसोनी परिवार ने भी मेहनत करना शुरू कर दिया था।