
शादाब अहमद
Congress कांग्रेस के संगठन चुनाव का अंतिम चरण अगस्त के अंतिम सप्ताह में शुरू होना है। पार्टी के अधिकांश नेता व कार्यकर्ता राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाना चाहते हैं, लेकिन राहुल ने अब तक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के लिए हां नहीं भरी है। ऐसे में कांग्रेस नेताओं के सामने उलझन खड़ी हो गई है। ऐसे में पार्टी के भीतर चर्चा चल रही है कि यदि गांधी परिवार अध्यक्ष पद से दूर होता है तो क्या राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर दांव खेला जाएगा।
कांग्रेस के संगठन चुनाव के अंतिम चरण में कार्यसमिति सदस्यों के साथ राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होना है। पार्टी का हर कोई नेता राहुल गांधी को अध्यक्ष के तौर पर देखना चाह रहा है। गांधी परिवार के नजदीकी एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि कार्यसमिति की पिछली बैठकों में राहुल से अध्यक्ष बनने का आग्रह किया गया था। पहले वो मना करते थे, बाद की बैठकों में समय आने पर फैसला करने की बात कही थी। अब अध्यक्ष के चुनाव का समय नजदीक आ गया है। फिलहाल उन्होंने अध्यक्ष बनने को लेकर अपनी रजामंदी नहीं दी है। उन्होंने बताया कि देशभर में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ सिर्फ राहुल गांधी ही मुकाबला कर रहे हैं। इसके बावजूद यदि वह अध्यक्ष नहीं बनना चाहेंगे तो फिर दूसरे विकल्पों पर पार्टी को जाना ही पड़ेगा। कांग्रेस ओबीसी या एससी वर्ग के किसी नेता को आगे कर सकती है। हालांकि यह विकल्प भी उनकी मर्जी से तय किए जाएंगे।
राहुल के नहीं मानने पर यह हैं विकल्प
1.सबसे आगे प्रियंका का नाम
प्रियंका फिलहाल पार्टी महासचिव के तौर पर काम कर रही है। राहुल के नहीं मानने पर पार्टी के नेता उनकी बहन प्रियंका को आसानी से अध्यक्ष के तौर पर अपना सकते हैं। कार्यकर्ता प्रियंका में उनकी दादी इंदिरा गांधी की झलक देखते हैं। वह तेज तर्रार होने के साथ कार्यकर्ताओं के बीच आसानी से घुल-मिल जाती है।
2. राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत
यदि गांधी परिवार के बाहर से अध्यक्ष बनाने पर फैसला होता है तो पिछड़े वर्ग से आने वाले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का नाम सबसे आगे दिख रहा हैै। पिछले साढ़े चार दशक से सियासत में सक्रिय होने के साथ गांधी परिवार के वफïादारों में शुमार है। वह इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी व राहुल गांधी के नेतृत्व में संगठन का काम कर चुके हैं। वह केन्द्र में मंत्री रहने के साथ तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं। इसके अलावा पिछले तीन साल के दौरान भाजपा के चक्रव्यूह से गहलोत ही बचे रहे हैं। साथ ही राहुल के साथ बतौर संगठन महासचिव काम करने के दौरान कई राज्यों में कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन भी किया था। हाल के दिनों में सोनिया गांधी व राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ के दौरान गहलोत ही कांग्रेस का नेतृत्व करते दिखे थे। हालांकि राजस्थान समेत देश के कई नेताओं से गहलोत के रिश्ते सहज नहीं है। ऐसे में गांधी परिवार से उनका नाम आने के बाद ही सभी एक जाजम पर आ सकते हैं।
3. खडग़े, वासनिक व शैलजा भी
पार्टी यदि दलित नेता को आगे बढ़ाती है तो राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े, राज्यसभा सदस्य मुकुल वासनिक या कुमारी शैलजा पर दांव खेल सकती है।
Updated on:
08 Aug 2022 12:00 pm
Published on:
08 Aug 2022 11:57 am
बड़ी खबरें
View Allनई दिल्ली
दिल्ली न्यूज़
ट्रेंडिंग
