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सोने से पहले फोन स्क्रॉल करने से हर हफ्ते 50 मिनट की नींद का नुकसान

शोध: अधिक स्क्रीन देखने पर शरीर के आंतरिक चक्र में गड़बड़ी

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वॉशिंगटन. सोने से पहले नियमित रूप से मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने वाले वयस्क हर सप्ताह लगभग एक घंटे की नींद खो रहे हैं। अमरीकन कैंसर सोसाइटी के शोध के अनुसार रोजाना बहुत ज्यादा स्क्रीन देखने से व्यक्ति के शरीर के 24 घंटे के आंतरिक चक्र में गड़बड़ी हो सकती है। यह चक्र हमारे सोने-जागने के पैटर्न, हार्मोन उत्पादन, शरीर के तापमान और अन्य महत्वपूर्ण शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है। इसमें गड़बड़ी होने से व्यक्ति को प्रत्येक सप्ताह लगभग एक घंटे कम नींद आती है। जामा नेटवर्क जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक देर रात तक स्क्रीन देखने वाले लोग सुबह देर से उठने है। ऐसे लोगों का आंतरिक चक्र बिगड़ता है और वे दिनभर के कामों के समय में तालमेल नहीं बैठा पाते हैं। इससे नींद में गड़बड़ी होती है।

1,22,000 लोगों पर अध्ययन

शोध के दौरान 1,22,000 से ज्यादा लोगोंं पर अध्ययन किया गया। इनमें से 41 प्रतिशत लोग रोज सोने से पहले फोन पर स्क्रॉल करते थे। स्क्रीन का इस्तेमाल नहीं करने वालों की तुलना में उनकी खराब नींद की संभावना 33 प्रतिशत अधिक मिली।

यह है परेशानी

अंधेरे में हमारे शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन बनता है। इस काम हमें नींद आती है। शोध के मुताबिक फोन या दूसरे डिजिटल स्क्रीन से निकलने वाली रोशनी मेलाटोनिन बनने नहीं देती। इससे नींद का प्राकृतिक चक्र बिगड़ जाता है।