
SIR in Ghaziabad: देश के 12 राज्यों में एसआईआर (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन ) की प्रक्रिया चल रही है। इसके तहत अपात्र मतदाताओं की पहचान कर उनका नाम वोटर लिस्ट से हटाया जा रहा है। इसी क्रम में दिल्ली से सटे से यूपी के गाजियाबाद जिले में जब शुद्ध मतदाताओं की सूची निकाली गई तो बीएलओ भी चकरा गए। दरअसल, इस जिले में हजारों की संख्या में नहीं बल्कि साढ़े चार लाख मतदाताओं का कोई अता-पता नहीं मिला। अब इन सभी गायब मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से काटे जाएंगे।
जिला प्रशासन के अनुसार एसआईआर (Special Intensive Revision) के दौरान यह पाया गया है कि लगभग 3.98 लाख मतदाता अपने जिले को छोड़कर अन्य जिलों में चले गए हैं। वहीं, 64 हजार ऐसे मतदाता भी हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, लेकिन उनके नाम अभी भी वोटर लिस्ट में मौजूद थे। इन मामलों में नियम के अनुसार सत्यापन के बाद इन मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटाए जा रहे हैं। इसके अलावा, कुछ मतदाता दो या अधिक स्थानों पर शामिल पाए गए, जिन्हें भी हटाया जा रहा है।
बता दें कि गाजियाबाद के साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में बाहर जाने वाले मतदाताओं की संख्या सबसे ज्यादा पाई गई है। इसके साथ ही, बाहर से आने वाले मतदाता भी यहां बढ़ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि तेज़ी से बढ़ता रोजगार और आवासीय बदलाव इसके मुख्य कारण हैं।वहीं, मुरादनगर विधानसभा क्षेत्र में भी दूसरे जिलों में जाने वाले मतदाताओं की संख्या अधिक है, जिससे इस क्षेत्र की वोटर लिस्ट में बड़े बदलाव की संभावना है।
एसआईआर प्रक्रिया के दौरान पता चला कि वोटर लिस्ट से उनका नाम नहीं हटाया गया था जिन मतदाताओं की मृत हो चुकी है। अब अभियान के दौरान मतृकों की लिस्ट तैयार की जा रही। इन सभी के नाम हटाए जाएंगे। ऐसे 64 हजार मतदाता सामने आए हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। एडीएम वित्त एवं प्रशासन सौरभ भट्ट ने मतदाताओं से अपील की है कि वे अपने मतदाता विवरण की जांच जरूर करें, ताकि किसी भी तरह की त्रुटि समय रहते सुधार ली जा सके। इस अभियान के दौरान मृतक मतदाताओं और स्थानांतरित लोगों की सूची तैयार कर वोटर लिस्ट को अपडेट किया जा रहा है।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ भट्ट ने यह भी कहा है कि जिन मतदाताओं का पता नहीं चल पा रहा है उनको खोजने का काम किया जा रहा है। इसमें बीएलओ के सहयोग के लिए बीएलए की मदद ली जा रही है। गायब मतदाताओं की सूची पोलिंग बूथों पर चस्पा की गई है और गाजियाबाद एनआइसी की वेबसाइट पर अपलोड की गई है, जिससे कि यदि किसी व्यक्ति का नाम गलती से अनट्रेस श्रेणी में शामिल हो गया है तो वह आपत्ति दर्ज कराकर उसमें सुधार करवा लें।
Updated on:
20 Dec 2025 02:13 pm
Published on:
20 Dec 2025 02:12 pm
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