
इंडिगो फ्लाइट्स कैंसिलेशन के मामले पर सुप्रीम कोर्ट में CJI की दो टूक
Supreme Court: इंडिगो की लगातार फ्लाइट्स कैंसिलेशन का मामला इतना बढ़ गया कि लोगों की नाराजगी और शिकायतें सोमवार को सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गईं। सोमवार को एक अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि पहले सूचना दिए बिना फ्लाइट्स कैंसिल की जा रही हैं। इस वजह से यात्री परेशान हैं और लाखों लोग एयरपोर्ट पर फंसे हुए हैं। इसके साथ ही अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के सामने इस मामले पर तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया। इसपर CJI सूर्यकांत ने मामले पर तुरंत सुनवाई से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले में समय पर सरकार की ओर से कार्रवाई की गई है। इसलिए थोड़ा इंतजार करना होगा।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में एक अधिवक्ता ने जनहित याचिका लगाकर तुरंत सुनवाई की मांग की। अधिवक्ता का कहना था कि बिना पूर्व सूचना के फ्लाइटें कैंसिल होने से लोगों को बहुत परेशानी हो रही है और यात्री संकट में हैं। इस दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने कहा कि मामले को लेकर सरकार पहले ही संज्ञान ले चुकी है और जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि अदालत किसी एयरलाइन को चलाने या ऑपरेशन में सीधे दखल नहीं दे सकती। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, सीजेआई ने कहा "हम एयरलाइन नहीं चला सकते। यह एक बहुत ही गंभीर मुद्दा है। हम इसे समझते हैं। कई लोगों को जरूरी काम, मेडिकल इमरजेंसी और अन्य वजहों से यात्रा करनी थी। लेकिन भारत सरकार ने संज्ञान लिया है। ऐसा लगता है कि समय पर कार्रवाई की गई है। देखते हैं क्या होता है।”
दरअसल, DGCA ने ड्यूटी टाइम को लेकर नए नियम लागू किए थे। नए नियमों में पायलटों को ज्यादा आराम देना, रात में फ्लाइट्स की संख्या सीमित करना और लंबे शेड्यूल कम करना शामिल है। लेकिन कंपनी उन नए नियमों के अनुसार सही प्लानिंग नहीं कर पाई। कंपनी ने इन नियमों के तहत अपने पायलटों और क्रू का सिर्फ शेड्यूल बदला। इंडिगो को लगा था कि वह इन नियमों के साथ अपनी फ्लाइट्स आसानी से चला लेगी, लेकिन पायलटों के टाइमिंग की शेड्यूलिंग ठीक से नहीं हो पाई और बड़ी संख्या में फ्लाइट्स कैंसिल करनी पड़ी। इसके चलते 2 दिसंबर से इंडिगो की फ्लाइट्स लगातार कैंसिल हो रही हैं। एयरलाइन का कहना है कि वह हालात सुधारने में लगी है और उम्मीद है कि 10 दिसंबर तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
नागरिक उड्डयन मंत्री के. राम मोहन नायडू ने 4 दिसंबर को इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच के लिए आदेश दिए थे और चार सदस्यों की समिति का गठन भी किया था। उसके बाद 6 दिसंबर को इंडिगो को आदेश दिया गया कि वह सभी रद हुई फ्लाइट्स का पूरा रिफंड यात्रियों को करें। साथ ही सरकार ने बाकी एयरलाइनों के मनामने ढंग से किराए बढाने पर भी रोक लगाई। वहीं DGCA ने इंडिगो से इतनी बड़ी लापरवाही के जवाब के लिए एक नोटिस भी जारी किया था। इसका जवाब देने के लिए इंडिगो के CEO ने थोड़ा समय मांगा और रविवार को जवाब देते हुए इंडिगो ने कहा कि वह अपने नेटवर्क को 10 दिसंबर तक ठीक करने के प्रयास में लगे हुए हैं।
Updated on:
08 Dec 2025 04:28 pm
Published on:
08 Dec 2025 04:23 pm
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