जनवरी 2014 से जनवरी 2016 की अवधि में असम के सूचना आयोग के समक्ष लंबित मामलों की सुनवाई में 240 फीसद समय की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पश्चिम बंगाल और ओडीसा में 60 फीसद, केरल में 49 फीसद और केंद्रीय सूचना आयोग में 43 फीसद बढ़ोतरी हुई है। देश भर के 16 सूचना आयोगों के समक्ष 1,87,974 मामले लंबित है। बड़ी संख्या में मामले लंबित होने की वजह से आवेदकों को इसकी सुनवाई में कई महीने से कई सालों तक का इंतजार करना पड़ सकता है। इसी अनुमान के आधार पर बताया गया है कि अगर आपने असम सूचना आयोग के समक्ष 1 जनवरी, 2016 को आवेदन फाइल किया है तो इसकी सुनवाई 30 साल के बाद ही संभव है। जबकि राग के 2014 के अध्ययन में यह अवधि 2 साल 8 महीने बताया गया था। पश्चिम बंगाल में यह स्थित 11 साल 3 महीने है जबकि 2 साल पूर्व के अध्ययन में 17 साल 10 महीने का था। केरल में 7 साल 4 महीने, ओडीसा में 2 साल 9 महीने, राजस्थान में 2 साल 3 महीने और छत्तीसगढ़ में 1 साल 10 महीने लग सकता है।