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जब सूर्य ग्रहण के प्रकोप से बचाने के लिए सरकार ने लिया था अमिताभ-धर्मेंद्र का सहारा, पूरे दिन चलावाई थी फिल्म

आज साल का आखिरी सूर्य ग्रहण(Solar Eclipse 2019) लगा है

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नई दिल्ली: आज साल 2019 का का आखिरी सूर्य ग्रहण(Solar Eclipse 2019) लगा है। सूर्य ग्रहण के दौरान अनोखा नजारा दिखाई दे रहा है। सूर्य को चांद ने ढ़क दिया है। इससे पहले इस साल 6 जनवरी और 2 जुलाई को आंशिक सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) लगा था। लेकिन ये वाला सूर्यग्रहण (Solar Eclipse) बहद खास है। आज सूर्य 'रिंग ऑफ फायर' (Ring Of Fire) की तरह दिखाई दे रहा था। लेकिन इसे नंगी आखों से देखना खतरनाक हो सकता है। हालांकि तकनीकी इतनी आगे बढ़ चुकी है कि आज दुकानों पर वो ग्लासेस आसानी से मिलते हैं, जिनको लगाने से आंखों पर बुरा असर नहीं पड़ता है लेकिन एक वक्त ऐसा था जब भारत में ये चीजें इतनी सुलभ नहीं थीं। तब सरकार नें लोगों को सूर्यग्रहण देखने से रोकने के लिए बेहद अनोखा तरीका अपनाया था।

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दरअसल, साल 1980 में 16 फरवरी को देश में ऐसा ही दुर्लभ सूर्यग्रहण पड़ा था। इसे देखने के लिए पूरे देशवासी परेशान थे। उनको पता नहीं था कि इसे देखने से नुकसान हो सकता है।लेकिन सरकार को ये बात पता थी और वो लोगों को रोकना चाहती थी जिससे उनकी आंखों को परेशानी ना हो। उस दौर में फिल्मों के बहुत क्रेज था। घरों की टीवी में केवल दूरदर्शन आता था, जिस पर गिनी-चुनी फिल्में आया करती थीं। सरकार ने भी लोगों को सूर्यग्रहण देखने से रोकने के लिए इसी का सहारा लिया। सरकार ने सूर्यग्रहण के वक्त अमिताभ-धर्मेंद्र की बेस्ट कॉमेडी फिल्म चुपके-चुपके को पूरे दिन टेलिकास्ट किया। फिल्म आई तो लोग ग्रहण को भूल गए और टीवी पर चिपक गए।

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बता दें 'चुपके-चुपके' (chupke chupke) जबरदस्त कॉमेडी है। यह फिल्म साल 1978 में रिलीज हुई थी जिसका निर्देशन ऋषिकेश मुखर्जी ने किया था। इसमें धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन, शर्मिला टैगोर और जया बच्चन ने मुख्य किरदार निभाया था। कालजयी फिल्म चुपके-चुपके में धर्मेंद्र ने ड्राइवर प्यारे मोहन और प्रोफेसर परिमल त्रिपाठी का रोल निभाया था।