scriptगाय-भैंस का इलाज करने वाले डॉक्टर्स के भरोसे टाइगर रिजर्व के 23 बाघ और 2 वन मंडल के तेंदुआ | 23 tigers of Tiger Reserve and leopards of 2 forest divisions are dependent on the doctors who treat cows and buffaloes | Patrika News
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गाय-भैंस का इलाज करने वाले डॉक्टर्स के भरोसे टाइगर रिजर्व के 23 बाघ और 2 वन मंडल के तेंदुआ

जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होने के साथ उत्तर व दक्षिण 2 बड़े वन मंडल हैं, जिसमें 23 बाघ और 180 से ज्यादा तेंदुआ मौजूद हैं, लेकिन इन वन्यजीवों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर वन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है।

सागरNov 12, 2024 / 05:38 pm

Madan Tiwari

– टाइगर रिजर्व के साथ जिले में 2 बड़े वन मंडल, वन विभाग के पास एक भी डॉक्टर नहीं

सागर. जिले में प्रदेश का सबसे बड़ा टाइगर रिजर्व होने के साथ उत्तर व दक्षिण 2 बड़े वन मंडल हैं, जिसमें 23 बाघ और 180 से ज्यादा तेंदुआ मौजूद हैं, लेकिन इन वन्यजीवों की सुरक्षा और स्वास्थ्य को लेकर वन विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। स्थिति यह है कि यहां बाघों की बसाहट को 6 साल बीत चुके हैं। इसके बाद भी विभाग के पास उनका इलाज करने एक भी एक्सपर्ट डॉक्टर नहीं है। जब कभी कोई वन्यजीव घायल या बीमार होता है तो उसका इलाज गाय-भैंस का इलाज करने वाले डॉक्टर्स से कराना पड़ता है। इतना ही नहीं मृत होने वाले वन्यजीवों का पोस्टमार्टम भी जिले के गांव-कस्बों में पदस्थ पशु चिकित्सक ही करते हैं।

– टाइगर रिजर्व में पल-पल पर जरूरत

टाइगर रिजर्व में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है। यहां पर गिद्धों के संरक्षण को लेकर भी काम कर रहा है। इसके अलावा टाइगर रिजर्व में हर प्रकार के वन्यजीवों का बसेरा है, जिनके बीच आपसी संघर्ष के साथ हादसे भी होते हैं। ऐसे में खासतौर पर जरूरत है कि टाइगर रिजर्व में एक एक्सपर्ट डॉक्टर की स्थाई नियुक्ति हो, लेकिन विभाग इस ओर ध्यान ही नहीं दे रहा है। विशेषज्ञ न होने के कारण वन्यजीवों को बेहतर इलाज मिल पाना वर्तमान में संभव नहीं है।

– अन्य टाइगर रिजर्व के भरोसे

टाइगर रिजर्व में पिछले 6 सालों में कई बार ऐसी स्थिति बनी है जब बाघ को किसी कारण से ट्रेंक्युलाइज करना पड़ा हो। इसमें कभी उनको कॉलर आइडी पहनाने के लिए तो कभी उनका मूवमेंट रहवासी क्षेत्रों में होने के कारण, ऐसे में विभाग के पास एक भी एक्सपर्ट नहीं है जो बाघों को ट्रेंक्युलाइज कर सके। इस स्थिति में पन्ना, कान्हा, बांधवगढ़ या भोपाल से एक्सपर्ट को बुलाना पड़ता है, जिसमें कई बार एक से दो दिन का समय लग जाता है।

– ऐसे समझें वन क्षेत्रों का दायरा

1- टाइगर रिजर्व – वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व सागर के साथ नरसिंहपुर व दमोह जिले तक फैला है, जिसका कुल क्षेत्रफल 2300 वर्ग किलोमीटर से ज्यादा है।
2- दक्षिण वन मंडल – दक्षिण वन मंडल सागर शहर से शुरू हो जाता है और मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर देवरी इसी के अंतर्गत आता है। वहीं भोपाल मार्ग पर राहतगढ़ और उसके आगे विदिशा व रायसेन जिले तक फैला है।
3- उत्तर वन मंडल – बहेरिया थाना क्षेत्र निकलते ही उत्तर वन मंडल की सीमा शुरू हो जाती है, जो बीना तरफ उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे भानगढ़ तक और यहां छतरपुर मार्ग पर शाहगढ़ तक फैला है।

– फैक्ट फाइल

03 वन मंडल जिले में

23 बाघ टाइगर रिजर्व में

180 से ज्यादा तेंदुआ जिले में

80-80 किमी तक फैली वन मंडल की सीमाएं

– डिमांड भेजी है

टाइगर रिजर्व में स्थाई डॉक्टर की जरूरत है, इसके लिए मुख्यालय डिमांड भेजी है। फिलहाल आसपास के पशु चिकित्सकों की मदद लेते हैं। उम्मीद है कि जल्द ही डॉक्टर की नियुक्ति हो जाएगी।
डॉ. एए अंसारी, उप संचालक, टाइगर रिजर्व

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