गुड़ी रेंज के आमाखुजरी में प्रशासन, वन विभाग और पुलिस द्वारा 180 हेक्टयर जंगल से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है। इसके विरोध में बुधवार को जागृत आदिवासी दलित संगठन के कार्यकर्ता व भिलाईखेड़ा की महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची। यहां संगठन की माधुरी बेन ने प्रशासन पर वन अधिकार कानून की धज्जियां उड़ाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने अपर कलेक्टर केआर बड़ोले से मुलाकात कर भिलाईखेड़ा में काटे गए बिजली, पानी कनेक्शन शुरू करने की भी मांग की।
बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे माधुरी बेन व संगठन कार्यकर्ता कलेक्ट्रेट पहुंचे। यहां कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने इस मामले में अपर कलेक्टर से चर्चा करने की बात कही। जिसके बाद माधुरी बेन व अन्य कार्यकर्ताओं ने एडीएम बड़ालेले से चर्चा की। माधुरी बेन ने बताया कि भिलाईखेड़ा आमाखुजरी में प्रशासन का एक्शन हुआ है। यहां वन अधिकार के तहत रह रहे लोगों को भी अतिक्रमण के नाम पर हटाया गया है। 1974 से लेकर अब तक कई बार पत्राचार किया है, वन अधिकार कानून के तहत दावे लगे हुए हैं। उनका भौतिक सत्यापन हुआ ही नहीं।
बिना परीक्षण किए उजाड़ रहे
माधुरी बेन ने एडीएम को बताया कि देश के कानून की धज्जियां उड़ाकर, परिवारों का परीक्षण किए बिना उजाड़ा जा रहा है, बल्कि बर्बरता पूर्वक उजाड़ा जा रहा है। यहां कार्रवाई में महिलाएं घायल हुई है, एक महिला तो अब तक अस्पताल में बेहोश है। नवजात बच्चों को छुड़ाकर मां को जेल में डाला गया है। बिजली पानी काट दी गई है। जहां कार्रवाई हुई है वो जगह राजस्व क्षेत्र की है, न कि वन क्षेत्र आता है। इसके बाद भी कार्रवाई की गई। हम यहां जब प्रशासन के सामने अपना पक्ष रखने आए तो कलेक्टर ने मिलने से इंकार कर दिया। जागृत आदिवासी दलित संगठन ने एडीएम से बिजली और पानी चालू करने की मांग की है। एडीएम केआर बड़ोले ने इस मामले में उच्च अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का निराकरण करने का आश्वासन दिया।