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पंचायत स्तर पर बनाने थे पशु आश्रय स्थल, ढ़ाई वर्ष बाद भी नहीं आया एक भी आवेदन

– योजना की शर्तें जटिल होने से एक भी पंचायत या एनजीओ ने नहीं ली रुचि, एक भी आवेदन नहींअब पशुपालन विभाग फिर से निकालेगा निविदा, मांगेंगे आवेदन, सिरोही जिले की 171 ग्राम पंचायतों में बनाए जाएंगे आश्रय स्थल सिरोही@पत्रिका. निराश्रित गोवंश को आश्रय देने के लिए सरकार ने 2023-24 में ग्राम पंचायत स्तर पर […]

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सिरोही. शहर में विचरण करता गोवंश।

- योजना की शर्तें जटिल होने से एक भी पंचायत या एनजीओ ने नहीं ली रुचि, एक भी आवेदन नहीं
अब पशुपालन विभाग फिर से निकालेगा निविदा, मांगेंगे आवेदन, सिरोही जिले की 171 ग्राम पंचायतों में बनाए जाएंगे आश्रय स्थल

सिरोही@पत्रिका. निराश्रित गोवंश को आश्रय देने के लिए सरकार ने 2023-24 में ग्राम पंचायत स्तर पर पशु आश्रय स्थल खोलने की घोषणा की थी, लेकिन इस योजना की शर्तें बहुत जटिल होनेे से आवेदकों ने रुचि नहीं ली। हालात यह कि जिले की 171 ग्राम पंचायतों में से अब तक एक भी ग्राम पंचायत या एनजीओ ने पशुपालन विभाग के पास आवेदन नहीं किया। ऐसे में करीब ढाई वर्ष बाद भी योजना धरातल पर नहीं उतर पा रही।योजना की जब घोषणा हुई थी, तब पशुपालन विभाग ने आदेश जारी कर इच्छुक ग्राम पंचायतों व एनजीओ से आवेदन मांगे थे, लेकिन किसी ने भी आवेदन नहीं किया। पशुपालन विभाग की अब फिर से निविदा जारी कर इच्छुक ग्राम पंचायतों व एनजीओ से आवेदन मांगने की तैयारी है।

योजना पर एक नजर: 90 प्रतिशत मिलेगा अनुदान

योजना के तहत ग्राम पंचायत या कोई भी गैर सरकारी संगठन, एनजीओ पशु आश्रय स्थल बना सकते हैं। इसके लिए 5 बीघा भूमि होनी आवश्यक है। इसमें 200 गोवंश को रखा जाएगा। एक करोड़ की लागत से आश्रय स्थल का निर्माण करवाया जाएगा। इसके लिए सरकार की ओर से 90 प्रतिशत अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा और शेष 10 प्रतिशत राशि कार्यकारी एजेंसी को वहन करनी होगी।

योजना की शर्तें

योजना की घोषणा को ढाई वर्ष बीतने के बावजूद इसका धरातल पर असर नहीं दिख रहा है। योजना के तहत ग्राम पंचायतों और चयनित गैर सरकारी संस्थाओं, एनजीओ को आश्रय स्थलों का निर्माण एवं संचालन करना था। इसके लिए शर्त रखी थी कि ग्राम पंचायत या एनजीओ के पास न्यूनतम 5 बीघा स्वयं की भूमि हो और 200 गोवंश की क्षमता वाली गोशाला भी हो। साथ ही इन पशुओं की देखभाल कम से कम 20 साल तक करनी होगी। अधिकांश ग्राम पंचायतों के पास न तो पर्याप्त भूमि है और न ही संसाधन, जिसके चलते यह योजना अभी तक सफल नहीं हो पा रही है।

पशु आश्रय स्थल खोलने का यह था उद्देश्य

सरकार की ओर से पशु आश्रय स्थल खोलने का मुख्य उद्देश्य सडक़ों पर विचरण करने वाले निराश्रित गोवंश को नियंत्रित करना, हादसों में कमी लाना, फसलों को नुकसान से बचाने और पशुओं को चारा-पानी सहित बेहतर जीवन उपलब्ध कराना था।

इनका कहना है-

निराश्रित गोवंश को आश्रय देने के लिए सरकार ने 2023-24 में ग्राम पंचायत स्तर पर पशु आश्रय स्थल खोलने की घोषणा की थी। अभी तक एक भी आवेदन नहीं आया है। इसको लेकर फिर से निविदा जारी कर रहे हैं। निविदा के बाद जो आवेदन आएंगे, जिसका जिला गोपालन समिति की बैठक में चयन होगा। जो पात्र होगा, उसको इस योजना का लाभ मिलेगा।- डॉ. अमित चौधरी, संयुक्त निदेशक, पशुपालन विभाग सिरोही


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