साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को पढ़ाया सुरक्षा व सावचेती का पाठ, मोबाइल फोन व सोशल मीडिया प्लेटफार्म के इस्तेमाल को लेकर बताई सावधानियां
हनुमानगढ़. साइबर अपराधों को लेकर सावचेती ही सुरक्षा सुनिश्चित करती है। साइबर सुरक्षा जागरुकता बेहद जरूरी है। साथ ही ठगों के लालच से दूरी व डरे बगैर सूझबूझ से काम लेना ही साइबर अपराधों की आफत से हमको बचा सकता है। राजस्थान पत्रिका के साइबर सुरक्षा को लेकर चल रहे अभियान साइबर सुरक्षा कवच के तहत आयोजित साइबर सुरक्षा जागरुकता शिविर में विशेषज्ञों ने यह बातें कही। अग्रवाल समाज समिति महिला इकाई के सहयोग से सरस्वती कन्या महाविद्यालय में आयोजित शिविर में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ एवं साइबर सैल एसपी कार्यालय के प्रभारी वाहे गुरु सिंह तथा अभय कमांड के प्रभारी व साइबर सुरक्षा मामलों के जानकार डॉ. केन्द्रप्रताप ने छात्राओं को साइबर सुरक्षा व सावचेती का पाठ पढ़ाया। इससे पहले समिति की महिला इकाई अध्यक्ष सुनीता अग्रवाल, विधि मंत्री सरोज अग्रवाल, सचिव मोनिका जिंदल, सहसचिव मनीषा सिंगला, संगठन मंत्री वनिता सिंगला, सांस्कृतिक मंत्री रेखा बंसल, राज मित्तल, मीना गर्ग आदि ने अतिथि वक्ताओं का अभिनंदन किया।
साइबर सैल प्रभारी वाहे गुरु सिंह ने कहा कि साइबर ठग आपको विश्वास में लेकर, लालच देकर या डराकर ठगते हैं। यदि आप साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूक हैं और लालच में नहीं आते हैं तथा डरते नहीं हैं तो फिर आपको कोई नहीं ठग सकता। यह तीन ही तरीके हैं जिनके जरिए वे ठगते हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसी कोई प्रक्रिया पुलिस नहीं अपनाती है। यह पूर्णत: साइबर ठगों का गढ़ा हुआ शब्द है जिसके जाल में फंसा कर वे लोगों की मेहनत की कमाई ठगने का काम करते हैं।
डॉ. केंद्र प्रताप सिंह ने साइबर ठगी के तरीकों व उनसे बचने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि विदेश या बाहर पढऩे गए परिवार के सदस्यों के फर्जी अपहरण आदि की धमकी देकर पैसों की मांग करने के ठगी के मामले निरंतर सामने आ रहे हैं। इसलिए सतर्क रहकर हम बच सकते हैं। डिजिटल साक्षरता बेहद जरूरी है। उन्होंने छात्राओं को किसी भी प्रकार की धमकी या ब्लैकमेलिंग की स्थिति में घबराने की बजाय अपने माता-पिता, शिक्षकों या पुलिस से तुरंत संपर्क करने की सीख दी। प्राचार्य डॉ. श्याम सुंदर उपाध्याय ने सबका आभार जताया।