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Chandra grahan 2019: साल का दूसरा चंद्रग्रहण, त्रिग्रही योग के साथ पूरे भारत में देगा दिखाई

इस बार चंद्रग्रण पूरे भारत में नज़र आएगा

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भोपाल

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Tanvi Sharma

Jun 17, 2019

chandra grahan 2019

साल का दूसरा चंद्रग्रहण, त्रिग्रही योग के साथ पूरे भारत में देगा दिखाई

साल का दूसरा चंद्रग्रहण 16-17 जुलाई की दरमियानी रात में पड़ने वाला है। इस दिन आषाढ़ी पूर्णिमा भी है और यह पहली बार नहीं बल्की लगातार दूसरा साल है जब पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण पड़ रहा है। इससे पहले साल 2018 में भी आषाढ़ी पूर्णिमा के दिन ही चंद्रग्रहण (Chandra grahan) पड़ा था। इस बार खग्रास चंद्रगहण का नजारा आकाश में करीब तीन घंटे तक नज़र आएगा। 16 जुलाई की दरमियानी रात 1.32 बजे ग्रहण का स्पर्श होगा। वहीं रात को 4.30 बजे ग्रहण का मोक्ष हो जाएगा। कुल मिलाकर चंद्र ग्रहण का पूरा समय 2 घंटे 58 मिनट का रहेगा। पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार इस चंद्रग्रहण का उज्जैन के महाकाल मंदिर सहित अन्य तीर्थस्थानों पर भी आरती व पूजा के समय पर भी प्रभाव देखने को मिलेगा।

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चंद्रग्रहण (chandra grahan 2019) के बाद करें दान

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार ग्रहण के बाद स्नान और दान पूण्य का महत्व माना जाता है, इससे सर्वश्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है। लेकिन ग्रहण के बाद गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल,काला कम्बल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी, चांदी-स्टील की कटोरी में खीर का दान करने से विशेष फल की प्रप्ति होती है। वहीं पंडित रमाकांत मिश्रा ने बताया की ग्रहण का वैदिक ज्योतिष में अत्यधिक महत्व माना गया है, इसके साथ ही ग्रहण का सभी राशियों पर प्रभाव भी पड़ने वाला है।

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खंडग्रास चंद्र ग्रहण के दिन बन रहे ये योग

पंडित जी ने बताया की इस बार 16 जुलाई को आषाढ़ी पूर्णिमा, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, वैधृति योग, विशिष्ट करण तथा धनु राशि के चंद्रमा की साक्षी में आ रही है। ग्रह गोचर की दृष्टि से देखा जाए तो इस दिन खंडग्रास चंद्र ग्रहण का योग बन रहा है। इस बार चंद्रग्रण पूरे भारत में नज़र आएगा।

उत्तराषाढ़ा नक्षत्र तथा धनु व मकर राशि में चंद्र ग्रहण होने से अतिवृष्टि के साथ कहीं-कहीं प्राकृतिक असंतुलन की स्थिति निर्मित होगी। ग्रहों की दृष्टि से देखें तो यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में चंद्र-केतु-शनि की त्रिग्रही युति के साथ हो रहा है। यही नहीं इसका समसप्तक दृष्टि संबंध मिथुन राशि स्थित सूर्य, राहु व शुक्र की त्रिग्रही युति से बन रहा है। ग्रह युतियों में देखें तो दोनों युतियों में चार ग्रह राहु-केतु से पीड़ित हैं। इसका असर प्राकृतिक, सामाजिक व राजनीतिक प्रभावों को दर्शाएगा।