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हनुमानगढ़ जिले में 400 पार होने पर बढ़ गई चिंता

हनुमानगढ़ के विशिष्ट न्यायालय पोक्सो प्रकरण में मामले बढ़ कर पहुंचे 400 पार, सौ प्रकरणों पर एक कोर्ट खोलने का मापदंड, यहां चार सौ पार पर भी एक ही, पिछले पांच साल में यह संख्या बढकऱ हुई दोगुनी

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Special Court of Hanumangarh, cases in POCSO case increased beyond 400

Special Court of Hanumangarh, cases in POCSO case increased beyond 400

अदरीस खान @ हनुमानगढ़. लोकसभा चुनाव के दौरान सियासी गलियारों में इस बरस 400 पार का बड़ा चर्चा रहा था। यह अलग बात है कि आंकड़ा पार नहीं हो सका। मगर हनुमानगढ़ में जरूर संख्या 400 पार हो चुकी है जिससे चिंता बढ़ती जा रही है। दरअसल, नाबालिगों के शोषण, प्रताडऩा व अपराधों से संबंधित पोक्सो एक्ट के प्रकरणों की संख्या हनुमानगढ़ के विशिष्ट न्यायालय पोक्सो प्रकरण में 400 से ज्यादा हो चुकी है।
चिंता का कारण यह है कि पिछले पांच साल में यह संख्या बढकऱ दोगुनी हुई है। पोक्सो कोर्ट से हर साल तकरीबन 150 मामलों का निस्तारण भी होता है। इसके बावजूद वर्तमान में विचाराधीन प्रकरणों की संख्या चार सौ से अधिक है। इसका मतलब है कि निस्तारण होने वाले प्रकरणों की तुलना में नए मामले ज्यादा आ रहे हैं। इससे निरंतर कामकाज का दबाव बढ़ रहा है। फरियादियों की भी परेशानी में इजाफा हो रहा है।

संख्या बढऩे पर बढ़े कोर्ट

कानूनविदें के अनुसार पोक्सो प्रकरणों की संख्या 100 से अधिक होने पर विशिष्ट न्यायालय पोक्सो की संख्या बढ़ाई जानी चाहिए। जिले की एकमात्र पोक्सो प्रकरण कोर्ट में जब मामलों की संख्या चार सौ से अधिक हो चुकी है तो ऐसे में दो से तीन कोर्ट और स्वीकृत की जानी चाहिए।

पीडि़तों की परेशानी की अनदेखी

जिले के सभी थानों में दर्ज पोक्सो एक्ट के प्रकरणों का ट्रायल हनुमानगढ़ के पोक्सो प्रकरण कोर्ट में होता है। जिले के भिरानी, गोगामेड़ी, भादरा, खुईयां आदि थानों के प्रकरणों के विचारण के दौरान पीडि़तों, गवाहों, पुलिसकर्मियों आदि को 100 से 150 किलोमीटर का सफर कर हनुमानगढ़ आना पड़ता है। इसका अर्थ यह है कि लोगों को सुबह मुंह अंधेरे घर से निकलना पड़ता है और अदालती कार्य से फारिग होकर जब तक घर पहुंचते हैं तब तक अंधेरा हो जाता है। ऐसे में राज्य सरकार को नोहर व भादरा विशिष्ट न्यायालय पोक्सो प्रकरण खोलना चाहिए ताकि त्वरित, सहज न्याय की अवधारणा और ज्यादा मजबूत हो सके।

सामूहिक चिंतन जरूरी

विशिष्ट लोक अभियोजक पोक्सो प्रकरण विनोद डूडी कहते हैं कि पीडि़तों, गवाहों आदि की बहुत सी परेशानियों का समाधान नोहर व भादरा में पोक्सो कोर्ट खोलकर किया जा सकता है। जिले की एकमात्र कोर्ट पोक्सो कोर्ट में प्रकरणों की संख्या 400 से ज्यादा हो चुकी है। करीब पांच साल पहले जब लोक अभियोजक की जिम्मेदारी संभाली थी तो करीब 200 प्रकरण विचाराधीन थे। हर साल 150 प्रकरण निस्तारित करवाए जा रहे हैं। नाबालिगों के शोषण आदि के मामले बढऩा भी चिंता का कारण है। इस पर भी सामूहिक चिंतन की जरूरत है।

फैक्ट फाइल : पोक्सो प्रकरण

  • जिले में विशिष्ट न्यायालय पोक्सो प्रकरण की संख्या - एक
  • पांच-छह साल पहले विचाराधीन प्रकरण - करीब 200
  • पोक्सो कोर्ट में विचाराधीन प्रकरण : 400 से अधिक
  • हर साल निस्तारित किए जा रहे प्रकरण - करीब 150
  • जिले के नोहर व भादरा क्षेत्र में पोक्सो कोर्ट खोलने की मांग