
3rd wave of corona
देश के कई राज्यों में एक बार फिर कोरोना के संक्रमण में वृद्धि को देखते हुए एक बार फिर प्रशासन कुछ हरकत में आता दिख रहा है। ऐसे में जहां डेल्टा प्लस वेरिएंट को लोग तीसरी लहर मान रहे थे, वहीं ज्योतिष के जानकारों ने इसे सिरे से नकार दिया है।
ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि कोरोना के पीछे ग्रहों की चाल काफी बड़ा रोल प्ले कर रही है। इसी के कारण कोरोना का संक्रमण लगातार घट बढ़ रहा है। इस संबंध में ज्योतिष के जानकार एसके पांडे के अनुसार कोरोना में गुरु की दशा और दिशा अत्यधिक महत्वपूर्ण देखने को मिल रही है। ऐसे में कोरोना 2022 के आसपास काफी कमजोर स्थिति में जाता दिख रहा है।
इस संबंध में पंडित पांडे का कहना है कि कोरोना से गुरु का जुड़ाव इसलिए है कि यदि हर 2020 से कोरोना की दोनो लहरों का ग्रहों की स्थिति से आंकलन करें तो मालूम चलता है कि जब 2020 में ये कोरोना हमारे देश में आया तब गुरु पर राहु की दृष्टि से एक चांडाल योग बना था।
उसी समय सूर्य व राहु का ग्रहण दोष भी बना, तब जनवरी 2020 में ये कोरोना सामने आया। ऐसे में ये चांडाल दोष जब तक बना रहा तब तक यानि मार्च से लेकर जून 2020 तक ये कोरोना अपनी चरम सीरमा पर पहुंचा, लेकिन जैसे ही गुरु ने चांडाल स्थिति को छोड़ते हुए दूसरी राशि में प्रवेश किया। तो कोरोना वायरस का प्रकोप धीरे धीरे कम होता गया, लेकिन यह खत्म नहीं हुआ।
इसके बाद 2021 मार्च में कोरोना एक बार फिर तेजी से फैला, तो ये जान लें कि इस समय भी इसका कारण गुरु रहा। दरअसल मार्च 2021 में गुरु एक बार फिर अपनी नीच राशि में प्रवेश कर गया, लेकिन इस समय चांडाल दोष नहीं था, इसके बावजूद कोरोना गुरु के नीच राशि में रहने तक चरम पर बना रहा।
दरअसल इस समय शनि और गुरु का नीचभंग योग बन गया,इस स्थिति में जहां शनि स्वराशि के चलते मजबूत स्थिति में था, वही गुरु की स्थिति कमजोर थी। ऐसे में कोरोना वायु में फैला, वहीं जैस ही गुरु अपनी इस नीच राशि से हटा कोरोना का प्रभाव फिर कम होना शुरु हो गया।
गुरु की इस स्थिति को देखते हुए साफ प्रदर्शित होता है कि गुरु जब जब कमजोर स्थिति में आते है तब तब कोरोना मजबूत होता है।
ऐसे में जहां लोग अभी कोरोना की तीसरी लहर की बात कर रहे हैं तो ग्रहों की स्थिति में अभी कोरोना की तीसरी लहर नहीं आई है।
क्योंकि ग्रहों की स्थिति में यह समय सितंबर मध्य के आसपास आता दिख रहा है। जो अक्टूबर तक अपने पीक पर आएगा। इसका कारण समझाते हुए ज्योतिष सुनील शर्मा का कहना है कि पहले ये लग रहा था कि राहु का अगला बदलाव जब अप्रैल 2022 में मेष राशि में होगा, उसके आसपास वृषभ में अंतिम चरण के दौरान ही कोरोना की तीसरी लहर आ सकती है। लेकिन अब जो सारे आंकलन सामने आए हैं, उन्हें देख कर ये प्रदर्शित होता है कि ये तीसरी लहर सितंबर 2021 से शुरु होकर अक्टूबर 2021 में अपना विकराल रूप दिखा सकती है।
उनके अनुसार दरअसल सितंबर मध्य में गुरु एक बार फिर नीच राशि में आकर नीचभंग योग का निर्माण करते दिख रहे हैं। और इस समय भी शनि मजबूत व गुरु की स्थिति कमजोर रहेगी। लेकिन इस समय बुध व शुक्र स्वराशि में रहने के कारण इसका असर अत्यधिक नहीं होगा।
लेकिन इसके बाद गुरु के नीच राशि में रहने के दौरान अक्टूबर 2021 में शुक्र के वृश्चिक राशि में प्रवेश करते ही कोरोना एक बार फिर अपने चरम पर जाता दिख रहा है। परंतु गुरु 20 नवंबर 2021 को जैसे ही कुंभ में आएंगे, कोरोना का प्रभाव भी धीरे धीरे कम होता जाएगा। वहीं ज्योतिष आंकलन के अनुसार 2022 में गुरु के मीन में प्रवेश व राहु के वृषभ से निकलकर मेष में जाने के साथ ही कोरोना काफी कमजोर पड़ जाएगा।
Published on:
05 Aug 2021 08:47 pm
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