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दीपावली पर ग्रह स्थिति: आर्थिक हालात में सुधार को लेकर अभी करना होगा इंतजार, जानिये कब कहां होने जा रहा है बदलाव

: कब सुधरेंगे आर्थिक हालात / When will the economic conditions improveवर्ष 2021 कैसा रहेगा / How will the year 2021 be: कैसी है दिवाली की कुंडली / How is the Diwali horoscope: आर्थिक हालात पर ज्योतिष आकंलन / Astrology assessment on economic condition: दिवाली 2020 की आर्थिक कुंडली / Diwali 2020 Economic Kudli: ऐसे समझें ग्रहों के संकेत / Understand the signs of planets like this: क्या कहते हैं ग्रह / What do planets say

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Economic conditions will improve, know the condition of the future

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ग्रहों के बनने वाले योग और उनमें निरंतर हो रहे परिवर्तन हमारे जीवन को लगातार प्रभावित करते हैं। यह केवल व्यक्ति विशेष पर ही नहीं बल्कि हर उस चीज पर असर डालते हैं, जो हमसे जुड़ी होती है। अब चाहे हमारा दिन कैसा बीतेगा इसके संबंध में हो या हम जीवन में क्या करेंगे या कहां सफल होंगे, हमारे धन की या भाग्य की क्या स्थिति रहेगा या यह साल देश के लिए कैसा रहेगा। ये सभी ज्योतिष में ग्रहों की दशा से आंकलन किया जाता है, यहां तक ही युद्ध और धरती पर आने वाले भूकंप आदि के तक आंकलन का ज्योतिष दावा करता है।

ऐसे में आज हम आपको आने वाले समय में भारत की आर्थिक स्थिति से जुड़ी ज्योतिष आंकलन पर आधारित स्थितियों के बारे में बताने जा रहे हैं। कि 2021 तक आर्थिक और सामाजिक स्थिति को लेकर ग्रह क्या इशारा कर रहे हैं।

आर्थिक यानि धन से संबंधित और हमारे यहां माता लक्ष्मी को इसकी देवी माना गया है, ऐसे में दीपावली पर्व के तीसरे दिन यानि दिवाली को बनने वाली ग्रहों की स्थिति के आधार पर आने वाले समय की आर्थिक कुंडली को बनाया जाता है। इसके तहत मेदिनी ज्योतिष में कार्तिक अमावस्या के दिन सूर्य-चंद्र के तुला राशि में एक अंशों पर युति करने के समय बनायी जाने वाली कुंडली से अगले एक वर्ष की आर्थिक और सामाजिक स्थिति का आकंलन किया जाता है।

कार्तिक अमावस्या यानि दिपावली किस दिन (वार) के साथ ही किन योगों में पड़ रही है, इसके प्रभाव का मूल्यांकन भी ज्योतिष के दृष्टिकोण से करके बाजार की स्थिति और वस्तुओं की कीमतों के संबंध में आकंलन किया जाता है।

वर्ष 2020 की दिवाली कुंडली:
इस बार कार्तिक अमावस्या की कुंडली के अनुसार धनु लग्न में गुरु, जबकि धन भाव यानि द्वितीय भाव में मकर के घ में शनि विराजमान हैं। वहीं तीसरा भाव यानि पराक्रम भव कुंभ का रहेगा। चतुर्थ सुख भाव में मीन में मंगल, व पंचम भाव मेष राशि का रहेगा। छठा यानि रोग व शत्रु भाव में वृषभ में राहु, जबकि सप्तम भव मिथुन का...
अष्ट भाव में कर्क राशि, जबकि नवम यानि भाग्य भाव में सिंह राशि बिना किसी ग्रह के रहेंगी। दशम यानि कर्म भाव पर कन्या राशि में शुक्र वहीं आय यानि 11वें भाव पर तुला राशि में सूर्य, बुध व चंद्र रहेंगे। इसके बाद आखिरी यानि 12वें व्यय भाव पर वृश्चिक राशि में केतु।

अच्छे रहेंगे आने वाले दिन
दशम भाव में बैठे शुक्र की स्थिति जरूर दिवाली की कुंडली में कुछ अच्छे संकेत दे रही है। ऐसे में प्रबल संभावना है कि शुक्र की प्रबलता के कारण महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए सरकार की ओर से जल्द ही विशेष प्रयास होंगे। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर महिलाओं के जनधन खातों में सरकार फिर से सहायता पंहुचा सकती है। कुल मिलाकर ग्रहों की चाल जो संकेत दे रही है उसके अनुसार आजाद भारत की कुंडली में चल रही शनि-चंद्र की कमजोर दशा के कारण अगले (2021) वर्ष मई-जून तक अर्थव्यस्था की रफ्तार धीमी गति से ही बढ़ पाएगी।

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IMAGE CREDIT: Money jyotish = https://www.patrika.com/astrology-and-spirituality/money-astrology-the-astrology-of-

ऐसे समझें कब अच्छा कब बुरा...
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार यदि दिवाली शनिवार, मंगलवार या रविवार को पड़े तब इसे शुभ नहीं माना जाता क्योंकि इन वारों के स्वामी ग्रह शनि, मंगल और सूर्य क्रूर और रूखे ग्रह हैं। वहीं इसके इतर दिवाली का सोमवार, बुधवार, गुरुवार या शुक्रवार को दिवाली का पड़ना और सूर्य-चंद्र का शुभ ग्रहों से संबंध बनाना आर्थिक उन्नति के लिए अच्छा माना जाता है।

पिछले वर्ष ( 2019 में ) 27 अक्टूबर को दिवाली रविवार को पड़ी थी और सूर्य से 12वें घर में मंगल-शनि के अशुभ प्रभाव में था, इसके कारण भारत सहित दुनिया के विभिन्न देशों को आर्थिक मंदी जैसी स्थिति से गुजरना पड़ा। जबकि इस वर्ष यानि 2020 में दिवाली 14 नवंबर, शनिवार को है। ऐसे में इसे भी शुभ नहीं कहा जा सकता। माना जा रहा है कि इसके कारण से अगले कुछ महीने कठिन आर्थिक स्थिति से देश को गुजरना पड़ सकता है।

आर्थिक मंदी से उबरने में अभी अधिक समय!
14 नवंबर को शनिवार के दिन अमावस्या तिथि भारतीय मानक समय अनुसार दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी और ठीक उसके अगले दिन यानि 15 नवंबर को रविवार सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर अमावस्या समाप्त होगी और कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा आरंभ हो जाएगी। इसलिए दिवाली शनिवार को रात में मनाई जाएगी। ज्योतिष के ग्रंथ भविष्यफल भास्कर के अनुसार कार्तिक अमावस्या के दिन यदि शनिवार हो, तो अन्न का नाश यानी कृषि की हानि होती है या राजाओं में युद्ध होता है। वर्तमान परिवेश में इसे देखें तो यह ज्योतिषीय संकेत महंगाई बढ़ने और देशों में विवाद गहराने से आर्थिक संकट पैदा होने का है।

यहां दर्ज की जाएगी तेजी
इस बार कार्तिक अमावस्या की कुंडली सूर्य-चंद्र के तुला राशि में रविवार को सुबह 10 बजकर 36 मिनट पर एक अंश में आने पर बनेगी। जिसमें धनु लग्न की इस कुंडली में लग्न में बैठे गुरु देश के आर्थिक हालात में कुछ सुधार का आश्वासन देते दिख रहे हैं, लेकिन धन स्थान में शनि और हानि स्थान यानी 12वें घर में केतु दिक्कत वाले हैं। वहीं व्यापार के कारक ग्रह बुध तुला राशि में सूर्य और चंद्रमा के साथ होकर मंगल की आठवीं और शनि की दसवीं दृष्टि से पीड़ित हैं, जिससे दिवाली के बाद स्टॉक मार्किट में बिकवाली और सर्राफा बाजार में कुछ तेजी दर्ज किए जाने के संकेत हैं।

वहीं कोरोना को लेकर ज्योतिष के जानकारों का मानना है कि राहु सहित कुछ ग्रह अभी भी कोरोना को विश्व में बरकरार रखे हुए हैं। ऐसे में अब जल्द ये जाने वाला नहीं है, जून 2021 तक इसका प्रकोप कभी बड़े तो कभी छोटे आकार में कई जगहों पर देखने को मिल सकता है। लेकिन 2021 नवंबर तक ये तकरीबन शांत स्थिति में जाता हुआ दिख रहा है।