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विपरीत परिस्थितियां भी नहीं रोक पाई इनका मुकाम, कडी मेहनत से लगी सफलता इनके हाथ

विपरीत परिस्थितियां भी नहीं रोक पाई इनका मुकाम, कडी मेहनत से लगी सफलता इनके हाथ बाड़मेर। डॉक्टर बनने का सपना कई छात्र देखते है। अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए छात्र दिनरात मेहनत करते है। बड़े-बड़े नामी कोचिंगों में जाकर पढ़ाई करते है। सरकारी में नम्बर नहीं आए तो निजी राह चुनते है। लेकिन शहर के फिफ्टी विलेजर्स संस्था प्रतिवर्ष 50 ऐसे छात्रों का चयन करती है जिनकी पारिवारिक स्थित ठीक नहीं हो या यह कहे की वो आर्थिक तंगी के चलते चिकित्सक का सपना बीच में ही छोड चुके हो। इनका चयन आर्थिक स्थित के साथ एक परीक्षा में चयनित होने पर किया जाता है। संस्था संचालक डॉ. भरत सारण ने अब तक 14 सालों में 125 से अधिक बच्चों का चयन चिकित्सक बनने के लिए करा चुके है। नीट परिणाम 2025 में चयनित छात्रों में किसी के पिता शादियों में बर्तन साफ करने का काम करते है, किसी के पिता ईटों की फैक्टी में काम करते है। तो किसी के माता पिता लम्बी बीमारी से ग्रसित है। ऐसे ही होनहार छात्र फिफ्टी विलेजर्स संस्था में मेहनत कर अपने सपना को पूरा किया। इन छात्रों से बात करने पर इन्होंने बताए घर के हालात व परिस्थिति...

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नीट 2025
विपरीत परिस्थितियां भी नहीं रोक पाई इनका मुकाम, कडी मेहनत से लगी सफलता इनके हाथ
बाड़मेर। डॉक्टर बनने का सपना कई छात्र देखते है। अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए छात्र दिनरात मेहनत करते है। बड़े-बड़े नामी कोचिंगों में जाकर पढ़ाई करते है। सरकारी में नम्बर नहीं आए तो निजी राह चुनते है। लेकिन शहर के फिफ्टी विलेजर्स संस्था प्रतिवर्ष 50 ऐसे छात्रों का चयन करती है जिनकी पारिवारिक स्थित ठीक नहीं हो या यह कहे की वो आर्थिक तंगी के चलते चिकित्सक का सपना बीच में ही छोड चुके हो। इनका चयन आर्थिक स्थित के साथ एक परीक्षा में चयनित होने पर किया जाता है। संस्था संचालक डॉ. भरत सारण ने अब तक 14 सालों में 125 से अधिक बच्चों का चयन चिकित्सक बनने के लिए करा चुके है। नीट परिणाम 2025 में चयनित छात्रों में किसी के पिता शादियों में बर्तन साफ करने का काम करते है, किसी के पिता ईटों की फैक्टी में काम करते है। तो किसी के माता पिता लम्बी बीमारी से ग्रसित है। ऐसे ही होनहार छात्र फिफ्टी विलेजर्स संस्था में मेहनत कर अपने सपना को पूरा किया। इन छात्रों से बात करने पर इन्होंने बताए घर के हालात व परिस्थिति…
पिता करते है मजदूर..बेटा ने नीट में पाई सफलता
बाड़मेर। मेरा गांव सांजटा शहर से 30 किलोमीटर दूर है। मेरे पिता मजदूर है। दसवी गांव के सरकारी विद्यालय से 94 अंकों के साथ उत्तीर्ण की। फिर भी मुझे आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई बीच में छोडऩी पड़ी। मैं बालोतरा में कपड़े की फैक्ट्री पर काम करने लगा। वहां पर मुझे गुरु वर सतपाल जी व पूनम जी ने बताया कि 50 विलेजर्स संस्था आगे पढऩे के लिए मददगार बन सकती है। मैंने यहां प्रवेश परीक्षा देकर 50 विलेजर्स में दाखिला पा लिया। फिर बारवी कक्षा में 93.40 प्रतिशत अंक हासिल हुए। आज नीट 2025 में 575 अंकों के साथ ओबीसी में 1706 वी रैंक आई। इसके लिएमेरी मेहनत के साथ 50 विलेजर्स संस्था के डॉ. भरत सारण का आभारी हूं।
भरत कुमार पुत्र केशाराम

अब पिता शादियों में नहीं साफ करेगें बर्तन
ैमैं खट्टू गांव का रहने वाला हैूं। मेरे पिता जी ने मुझे शादियों में बर्तन साफ कर पढ़ाया है। उन्होंने रात दिन मेरी पढ़ाई पर मेहनत की है। 10 वी पढाई राजकीय विद्यालय सेजिया नाडा माधासर बायतु से की। आर्थिक स्थिति के चलते मैं बालोतरा कमठा मजदूरी के लिए चला गया। वहां पता चला कि फिफ्टी विलेजर्स संस्था जरूरतमंदों को 10 व 12 बोर्ड के साथ नीट की तैयारी नि:शुल्क करवाती है। 12 बोर्ड फिफ्टी विलेजर्स में रहकर की है। यहीं पर मैने पहला सपना अपने पिता जी के लिए देखा उन्हें अब शादियों में बर्तन साफ करने नहीं दूंगा। इसके लिए मैं 9 से 10 घंटे नीट की तैयारी करता रहा। नीट 2025 में केटेगरी रैंक 4071 वी रैंक प्राप्त की।
श्रवण कुमार पुत्र रेखाराम

पिता करते है ईटो की भट्टी में काम, बेटा बन रहा डॉक्टर
बाड़मेर। मै बोडज़्र क्षेत्र से आता हूं। मेरा गांव हडप्पा बाड़मेर से 150 किलोमीटर दूर है। पिता जी सिरोही जिले में इंटों की भट्टी में काम करते है। जिनकी मजदूरी 500 रुपए है। इस में हम पांच भाई बहिनों का पढ़ाना मुश्किल हो रहा है। मैंने भी आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। पिताजी के साथ सिरोही में इंटों की भट्टी पर काम करने लग गया। मेरे गरु जी राजीव कुमार बिश्रोई ने मुझे फिर पढ़ाई के लिए प्रेरित कर 50 विलेजर्स के बारे में जानकारी दी। जिसके कारण आज में नीट में 545 अंकों के साथ कैटेगरी रैंक 6253 वीं ले आया।
खींयाराम पुत्र चेनाराम

मेरा गांव बायतु पनजी है। कक्षा 10 तक गांव में पढ़ाई कर 82.33 प्रतिशत अंक हासिल किए। मेरे पिता जी 10 साल से अस्थमा से पीडि़त है। वहीं माता जी पिछले 22 सालों से मानसिक बीमारी से ग्रस्त है।आर्थिक तंगी के चलते में अवकाश के दिनों में कमठा मजदूरी करता हूं। फिफ्टी विलेजर्स के लिए मुझे प्रधानाचार्य महेन्द्र डऊकिया ने प्रेरित किया। मैंने नीट 2025 में 483 अंकों के साथ कैटेगरी रैंक 2202 एससी में प्राप्त की।
तेजेन्द्र कुमार पुत्र शेराराम

फोटो समेत
नीट 2025
विपरीत परिस्थितियां भी नहीं रोक पाई इनका मुकाम, कडी मेहनत से लगी सफलता इनके हाथ
बाड़मेर। डॉक्टर बनने का सपना कई छात्र देखते है। अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए छात्र दिनरात मेहनत करते है। बड़े-बड़े नामी कोचिंगों में जाकर पढ़ाई करते है। सरकारी में नम्बर नहीं आए तो निजी राह चुनते है। लेकिन शहर के फिफ्टी विलेजर्स संस्था प्रतिवर्ष 50 ऐसे छात्रों का चयन करती है जिनकी पारिवारिक स्थित ठीक नहीं हो या यह कहे की वो आर्थिक तंगी के चलते चिकित्सक का सपना बीच में ही छोड चुके हो। इनका चयन आर्थिक स्थित के साथ एक परीक्षा में चयनित होने पर किया जाता है। संस्था संचालक डॉ. भरत सारण ने अब तक 14 सालों में 125 से अधिक बच्चों का चयन चिकित्सक बनने के लिए करा चुके है। नीट परिणाम 2025 में चयनित छात्रों में किसी के पिता शादियों में बर्तन साफ करने का काम करते है, किसी के पिता ईटों की फैक्टी में काम करते है। तो किसी के माता पिता लम्बी बीमारी से ग्रसित है। ऐसे ही होनहार छात्र फिफ्टी विलेजर्स संस्था में मेहनत कर अपने सपना को पूरा किया। इन छात्रों से बात करने पर इन्होंने बताए घर के हालात व परिस्थिति…
पिता करते है मजदूर..बेटा ने नीट में पाई सफलता
बाड़मेर। मेरा गांव सांजटा शहर से 30 किलोमीटर दूर है। मेरे पिता मजदूर है। दसवी गांव के सरकारी विद्यालय से 94 अंकों के साथ उत्तीर्ण की। फिर भी मुझे आर्थिक तंगी के चलते पढ़ाई बीच में छोडऩी पड़ी। मैं बालोतरा में कपड़े की फैक्ट्री पर काम करने लगा। वहां पर मुझे गुरु वर सतपाल जी व पूनम जी ने बताया कि 50 विलेजर्स संस्था आगे पढऩे के लिए मददगार बन सकती है। मैंने यहां प्रवेश परीक्षा देकर 50 विलेजर्स में दाखिला पा लिया। फिर बारवी कक्षा में 93.40 प्रतिशत अंक हासिल हुए। आज नीट 2025 में 575 अंकों के साथ ओबीसी में 1706 वी रैंक आई। इसके लिएमेरी मेहनत के साथ 50 विलेजर्स संस्था के डॉ. भरत सारण का आभारी हूं।
भरत कुमार पुत्र केशाराम

अब पिता शादियों में नहीं साफ करेगें बर्तन
ैमैं खट्टू गांव का रहने वाला हैूं। मेरे पिता जी ने मुझे शादियों में बर्तन साफ कर पढ़ाया है। उन्होंने रात दिन मेरी पढ़ाई पर मेहनत की है। 10 वी पढाई राजकीय विद्यालय सेजिया नाडा माधासर बायतु से की। आर्थिक स्थिति के चलते मैं बालोतरा कमठा मजदूरी के लिए चला गया। वहां पता चला कि फिफ्टी विलेजर्स संस्था जरूरतमंदों को 10 व 12 बोर्ड के साथ नीट की तैयारी नि:शुल्क करवाती है। 12 बोर्ड फिफ्टी विलेजर्स में रहकर की है। यहीं पर मैने पहला सपना अपने पिता जी के लिए देखा उन्हें अब शादियों में बर्तन साफ करने नहीं दूंगा। इसके लिए मैं 9 से 10 घंटे नीट की तैयारी करता रहा। नीट 2025 में केटेगरी रैंक 4071 वी रैंक प्राप्त की।
श्रवण कुमार पुत्र रेखाराम

पिता करते है ईटो की भट्टी में काम, बेटा बन रहा डॉक्टर
बाड़मेर। मै बोडज़्र क्षेत्र से आता हूं। मेरा गांव हडप्पा बाड़मेर से 150 किलोमीटर दूर है। पिता जी सिरोही जिले में इंटों की भट्टी में काम करते है। जिनकी मजदूरी 500 रुपए है। इस में हम पांच भाई बहिनों का पढ़ाना मुश्किल हो रहा है। मैंने भी आर्थिक तंगी के चलते 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। पिताजी के साथ सिरोही में इंटों की भट्टी पर काम करने लग गया। मेरे गरु जी राजीव कुमार बिश्रोई ने मुझे फिर पढ़ाई के लिए प्रेरित कर 50 विलेजर्स के बारे में जानकारी दी। जिसके कारण आज में नीट में 545 अंकों के साथ कैटेगरी रैंक 6253 वीं ले आया।
खींयाराम पुत्र चेनाराम

मेरा गांव बायतु पनजी है। कक्षा 10 तक गांव में पढ़ाई कर 82.33 प्रतिशत अंक हासिल किए। मेरे पिता जी 10 साल से अस्थमा से पीडि़त है। वहीं माता जी पिछले 22 सालों से मानसिक बीमारी से ग्रस्त है।आर्थिक तंगी के चलते में अवकाश के दिनों में कमठा मजदूरी करता हूं। फिफ्टी विलेजर्स के लिए मुझे प्रधानाचार्य महेन्द्र डऊकिया ने प्रेरित किया। मैंने नीट 2025 में 483 अंकों के साथ कैटेगरी रैंक 2202 एससी में प्राप्त की।
तेजेन्द्र कुमार पुत्र शेराराम

मेरा गांव बायतु पनजी है। कक्षा 10 तक गांव में पढ़ाई कर 82.33 प्रतिशत अंक हासिल किए। मेरे पिता जी 10 साल से अस्थमा से पीडि़त है। वहीं माता जी पिछले 22 सालों से मानसिक बीमारी से ग्रस्त है।आर्थिक तंगी के चलते में अवकाश के दिनों में कमठा मजदूरी करता हूं। फिफ्टी विलेजर्स के लिए मुझे प्रधानाचार्य महेन्द्र डऊकिया ने प्रेरित किया। मैंने नीट 2025 में 483 अंकों के साथ कैटेगरी रैंक 2202 एससी में प्राप्त की।
तेजेन्द्र कुमार पुत्र शेराराम