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हर साल 45 डिग्री से अधिक पहुंचता तापमान, इस बार 41 डिग्री नहीं हुआ पार

नहीं तपा नौतपा : आगामी तीन दिन आंधी-बारिश का येलो अलर्ट जारी

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Jun 03, 2025
सिरोही. दोपहर के समय तेज धूप से बचने के जिए मुंह पर कपडा ढक कर मोटरसाइकिल पर जाता युवक।

सिरोही ञ्च पत्रिका. गत 25 मई को शुरू हुए नौतपा के पहले दिन से सूरज की भीषण गर्मी ने लोगों को खूब तपाया, पहले दिन शहर का अधिकतम तापमान 41 डिग्री रहा, लेकिन उसके बाद तापमान में उतार-चढ़ाव का सिलसिला जारी रहा। अलग-अलग स्थानों पर सक्रिय मौसम प्रणालियों के चलते बारिश-आंधी का दौर नौपता में जारी रहा। ऐसे में नौतपा बिना तपे ही गुजर गया। शहर में सोमवार को सुबह से आसमान में बादलों का आवागमन जारी रहा। दिन में मौसम खुला रहा तथा तेज धूप खिली रही। जिसके चलते लोगों को गर्मी से परेशान होना पड़ा। हालांकि सोमवार को शहर के अधिकतम तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गई है, न्यूनतम तापमान यथावत रहा। शहर में गत दिनों लगातार पारे में उतार-चढाव के चलते रविवार को अधिकतम 36 डिग्री तथा न्यूनतम 26 डिग्री रहा था। वहीं, सोमवार को एक डिग्री की गिरावट से 35 डिग्री सेल्सियस रहा।

41 डिग्री से पार नहीं हुआ तापमान

25 मई से शुरू हुआ नौतपा 2 जून को समाप्त हो गया। 2 जून को नौतपा के नौ दिन बीत गए। नौतपा के नौ दिनों में औसत तापमान 45 से 46 डिग्री तक पहुंच जाता है, लेकिन इस बार अधिकतम तापमान 41 डिग्री से उपर नहीं पहुंच पाया है।

अगले तीन दिन आंधी-बारिश का येलो अलर्ट

मौसम विभाग जयपुर ने सोमवार को सिरोही जिले के लिए अगले तीन दिन यानी मंगलवार, बुधवार व गुरुवार को आंधी व बारिश होने की आशंका जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया है। जिससे तापमान में और गिरावट आ सकती है।

यह अच्छे संकेत नहीं

नौतपा 25 मई से शुरू हुआ और समापन दो जून को हो गया। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौतपा सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश से शुरू होता है और नौ दिन चलता है। यह काल सौर ताप और वर्षा के पूर्व संकेतों का द्योतक माना जाता है। ज्योतिषाचार्य मृत्युंजय दवे ने बताया कि नौतपा में मौसम की गतिविधियां संकेत देती है कि आने वाले समय में वर्षा ऋतु कैसी रहेगी। नौतपा के नौ दिन में पृथ्वी पर सूर्य की किरण सीधे पृथ्वी पर पड़ती हैं। इसलिए इन दिनों खूब गर्मी पड़ती है। ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि इस बार नौतपा में वर्षा हुई है। यह रोहणी नक्षत्र का गलना है। नौतपा में गर्मी पड़ती है, तब पानी का तेजी से वाष्पीकरण होता है। घने बादल बनते हैं। इससे अच्छी बारिश के आसार बनते हैं, लेकिन नौतपा के दिनों में बारिश हो जाए तो वाष्पीकरण की प्रकिया रुक जाती है। बादल कम पानी बनाते हैं।

Published on:
03 Jun 2025 06:51 pm
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