गोरखपुर एम्स की सुरक्षा व्यवस्था जल्द ही पूरी तरह बदली हुई दिखेगी। आगामी 15 जून से यहां की सुरक्षा की जिम्मा पूर्व सैनिक सुधारेंगे। फिलहाल वर्तमान में सात दिनों का प्रशिक्षण चल रहा है।
गोरखपुर एम्स अब जल्द ही पूर्व सैनिकों की निगहबानी में होगा। जी हां सैनिक कल्याण निगम के करीबन 3 सौ पूर्व सैनिकों का एम्स में सोमवार से प्रशिक्षण शुरू हो गया है। इन्हें एम्स की व्यवस्था, मरीजों की देखभाल एवं आपात स्थिति के तैयारी का प्रशिक्षण दिया जाएगा। 15 जून से पूरी तरह सुरक्षा की जिम्मेदारी संभाल लेंगे।
जैसा कि मालूम हो एम्स गोरखपुर के उद्घाटन के बाद से ही सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा प्राइवेट कोर कंपनी उठा रही थी। बीते महीने उसका टेंडर समाप्त हो गया, प्रशासन के इस आदेश के बाद कंपनी के गार्डों ने काफी प्रदर्शन किया और राजनीतिक पार्टी के नेताओं से भी मिल कर समस्या बताए लेकिन कंपनी के कुल 450 गार्ड पहले 30 जून तक कार्य पर बने रहने की छूट दी गई थी। फिर इसे घटाकर 15 जून कर दिया गया है।
एम्स के पहले दीक्षांत समारोह से पूर्व सुरक्षा की जिम्मेदारी पूर्व सैनिकों को पूरी तरह से सौंपने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। 9 से 15 जून तक होने वाले प्रशिक्षण में पूर्व सैनिकों को एम्स की कार्यप्रणाली, मरीजों और तीमारदारों से व्यवहार के तरीके, छात्रावास सुरक्षा, आपात स्थिति में कार्रवाई की प्रक्रिया समेत सभी पहलुओं की जानकारी दी जाएगी।
एम्स की कार्यकारी निदेशक विभा दत्ता ने बताया कि स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से हमें 300 पूर्व सैनिक आवंटित किए गए हैं। ऐसे में सुरक्षा की जिम्मेदारी की कमान देने से पहले उन्हें एम्स की कार्यप्रणाली एवं मरीजों व तीमारदारों से व्यवहार व सहायता की जिम्मेदारी के बारे में प्रशिक्षण दिया जाएगा।