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इधर गोवंशों की ठाठ, उधर दुर्दशा, कचरे में तलाशती हैं भोजन

– विडम्बना: गोवंशों की स्थिति अलग-अलग

– नई गोशालाओं के उन्नयन के लिए कार्ययोजना पर हीलाहवाली

छिंदवाड़ाNov 11, 2024 / 10:45 am

prabha shankar

food in garbage

कचरा डम्पिंग यार्ड में भोजन तलाशती गोवंश

पाठाढाना गोशाला और परासिया रोड पर स्थित डंपिंग ग्राउंड, दोनों ही स्थानों पर गोवंश को देखा जा सकता है। जहां पाठाढाना में गोवंशों के लिए दाना-पानी उपलब्ध है, वहीं बर्मन के प्लॉट, डंपिंग ग्राउंड पर गोवंश कचरे के ढेर में भोजन तलाशते नजर आ रहे हैं। इनकी सुध न तो गोवंश पालक ले रहे हैं और न ही नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी। जबकि डंपिंग ग्राउंड पर ही वाहनों को पकडऩे का पिंजरा उपलब्ध रहता है। वहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भी मौजूद होते हैं। अपना पेट भरने के बाद ये गोवंश सडक़ों पर भी दिखाई देने लगते हैं। इधर, पाठाढाना गोशाला की क्षमता 150 गोवंशों की है। इसलिए निगम प्रशासन ने शहर में चार नए गोशाला बनाने के प्रस्ताव को भी हरी झंडी दिखाई है। एक माह पूर्व महापौर ने शहर के चार हिस्सों में जगह भी चिह्नित करने के निर्देश दिए थे, लेकिन अब तक इंजीनियर जगह नही खोज सके।

अक्सर बढ़ जाता है गोशाला पर दबाव

पाठाढाना गोशाला में बारिश के दिनों में गोवंशों की संख्या 300 तक पहुंच जाती है। दबाव कम करने के लिए प्रशासन ने कुछ गोवंश मेघासिवनी गोशाला और कुछ मोहखेड़ जनपद के भांडाबोह ग्राम पंचायत स्थित गोशाला भेजा गया। वर्तमान में पाठाढाना गोशाला में 130 गोवंश हैं, जहां खाने पीने के लिए भूसा, गन्ने एवं भुट्टे का चारा, साथ ही गुरैया सब्जी मंडी से सब्जी उपलब्ध की जाती है। बीमार गोवंश का इलाज होता है।

पीपीपी मोड पर भी नहीं हो सका अमल

नगर निगम ने पाठाढाना गोशाला के लिए पीपीपी मोड पर प्रबंधन की तैयारी की थी, परंतु इस पर अमल नहीं किया जा सका। इसके लिए कोई ठोस कार्ययोजना भी नहीं बन सकी। गोवंश के गोमूत्र, गोबर से बनने वाले उत्पादों पर भी कोई पहल नहीं हुई। इसके उलट भांडाबोह ग्राम पंचायत गोबर से गोबर गैस संयंत्र लगाकर गोशाला में लगे कर्मचारियों को भोजन बनाने की गैस उपलब्ध करा रहा है। पिछले दिनों खुद ग्राम पंचायत शहर आकर निगम से और गोवंश भिजवाने की मांग कर चुके हैं।

जल्द मांगी जाएगी रिपोर्ट

शहर के चार हिस्सों के लिए गोशाला बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी जा चुकी है। इंजीनियरों को नागपुर रोड, परासिया रोड, सिवनी रोड, एवं खजरी रोड में भूमि तलाशने के निर्देश भी दे दिए गए हैं। एक दो दिनों में उनसे बैठक कर रिपोर्ट मांगी जाएगी।
विक्रम अहके, महापौर
शहर की सडक़ों से बारिश के दिनों में जिन गोवंशों को पाठाढाना भेजा गया, उनसे पाठाढाना गोशाला का भार कम करने के लिए कुछ गोवंश मेघासिवनी एवं भांडाबोह गोशाला भेजा गया। भांडाबोह गोशाला में गोबर गैस बनाई जाती है। गोशाला की व्यवस्थाएं भी काफी उन्नत हैं, इसलिए भांडाबोह से मांग आने पर गोवंशों को वहां भिजवाया गया है। इससे शहर की सडक़ों पर भी गोवंशों की कमी हुई है।
सुधीर जैन, एसडीएम छिंदवाड़ा

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