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Hindi Imposition : हमें पैसे की जरूरत नहीं, तमिल समुदाय को 2000 साल पीछे धकेलना पाप होगा

चेन्नई. तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने मंगलवार को राज्य की भाषा नीति का पुरजोर समर्थन किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत त्रिभाषा नीति पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व डीएमके नेता एम. करुणानिधि की विरासत का हवाला दिया। तमिलनाडु विधानसभा में बोलते हुए अंबिल महेश ने कहा, सभी सदस्य एक […]

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चेन्नई. तमिलनाडु के स्कूल शिक्षा मंत्री अंबिल महेश पोय्यामोझी ने मंगलवार को राज्य की भाषा नीति का पुरजोर समर्थन किया। उन्होंने नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत त्रिभाषा नीति पर चिंता व्यक्त करते हुए पूर्व डीएमके नेता एम. करुणानिधि की विरासत का हवाला दिया। तमिलनाडु विधानसभा में बोलते हुए अंबिल महेश ने कहा, सभी सदस्य एक महत्वपूर्ण मुद्दे पर जोर दे रहे हैं। डीएमके के अनुसार, यह हमारे नेता करुणानिधि थे जिन्होंने तमिल थाई वल्थु (तमिल गान), सरकारी बसों में तिरुकुरल, उनके द्वारा निर्मित वल्लुवर कूटम, तमिल भाषा विकास के लिए एक अलग विभाग, तमिल में सरकारी आदेश और तमिल को एक शास्त्रीय भाषा बनाया। करुणानिधि के योगदान पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने चुनौती दी, भारत में 122 बड़ी भाष्राओं समेत कुल 1,599 भाषाएं हैं। पूरे भारत में खोजें कि क्या किसी और ने अपनी मातृभाषा को बचाने के लिए हमारे नेता करुणानिधि की तरह काम किया है।

आरबी उदयकुमार की प्रतिक्रिया

मंत्री की यह टिप्पणी विपक्ष के उपनेता आरबी उदयकुमार की प्रतिक्रिया में आई, जिन्होंने तमिलनाडु के मुय सचिव द्वारा केंद्र सरकार को लिखे एक पत्र पर चिंता जताई, जिसमें अस्पष्टता का सुझाव दिया गया और संकेत दिया गया कि राज्य ने एनईपी की त्रिभाषा नीति को स्वीकार कर लिया होगा।

समिति का गठन

महेश ने राज्य के रुख को स्पष्ट करते हुए कहा, हमारे मुय सचिव ने विशेष रूप से लिखा है एक केंद्रीय समिति की सिफारिश के आधार पर हम स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में एक राज्य-स्तरीय समिति का गठन करेंगे। उस समिति की सिफारिशों के आधार पर हम निर्णय लेंगे। समिति ने अभी तक कुछ भी स्वीकार नहीं किया है। उन्होंने करुणानिधि और तमिलनाडु के मुयमंत्री एमके स्टालिन द्वारा दिखाए गए रास्ते पर डीएमके की प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा, हमें पैसे (धन) की जरूरत नहीं है। इसलिए हमारे सीएम ने कहा अगर हम आपके (केंद्र सरकार के) 2,000 करोड़ रुपए लेते हैं, तो तमिल समाज को 2,000 साल पीछे खींचना पाप होगा। हमें वह योजना नहीं चाहिए, भले ही आप 10,000 करोड़ की पेशकश करें।

भाजपा पर किया कटाक्ष

भाजपा पर कटाक्ष करते हुए मंत्री ने उनके ‘समान शिक्षा’ हस्ताक्षर अभियान की आलोचना करते हुए कहा, यहां हमारे राज्य मे एक पार्टी (भाजपा) समान शिक्षा के नाम पर अभियान चलाती है। यह हमारे नेता करुणानिधि थे, जो हमारी धरती पर समान शिक्षा लाए। यह राष्ट्रीय पार्टी के सदस्यों द्वारा एक दोहरा रवैया है। मैं इसकी कड़ी निंदा करता हूं।