
बैठक में मौजूद कलेक्टर व अन्य अधिकारी।
समय सीमा की बैठक के दौरान अवैध कॉलोनियों का मुद्दा छाया रहा। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने कहा कि जिन कॉलोनियों को अवैध घोषित किया जा चुका है, वहां अब किसी भी प्रकार की रजिस्ट्री न हो। इसके लिए उन्होंने रजिस्ट्री विभाग को सख्त निर्देश जारी किए कि इन कॉलोनियों में किसी भी प्रकार की संपत्ति की रजिस्ट्री पर तत्काल रोक लगाई जाए।
कलेक्टर ने राजस्व महाअभियान की समाप्ति के बाद भी ई-केवाईसी और नक्शा तरमीम के कार्यों को निरंतर जारी रखने के निर्देश दिए।
बेसमेंट में दुकानों के संचालन पर सख्त निर्देश देते हुए कलेक्टर सिंह ने कहा कि बेसमेंट का उपयोग केवल पार्किंग के लिए ही होना चाहिए। किसी भी प्रकार का व्यावसायिक संचालन बेसमेंट में स्वीकार्य नहीं है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि जो दुकानदार अभी भी बेसमेंट में व्यापार चला रहे हैं, उनके खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए और दुकानों को तुरंत हटाया जाए। कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में इस तरह की स्थितियों को रोकने के लिए नियमित रूप से निरीक्षण और सख्त निगरानी की जाए ताकि शहर में बेसमेंट का दुरुपयोग न हो सके। सभी सरकारी विभागों में सोलर पैनल लगाने के भी निर्देश दिए।
गली-मोहल्लों में घूम रहे आवारा श्वानों को कंट्रोल करने नगर निगम के ३.७५ करोड़ रुपए का टेंडर खोला गया। इसमें दो एजेंसियों ने रुचि ली। इस टेंडर को अब निविदा समिति के समक्ष रखा जाएगा। इसके बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी होगी।
बता दें कि पिछले पांच साल से शहर में आवारा श्वान का बर्थ कंट्रोल का मुद्दा छाया हुआ है। अब तक निगम की ओर से पांच टेंडर निकाले जा चुके हैं। इससे पहले पिछले चार बार के टेंडर में भी आवारा श्वानों की नसबंदी करने की एजेंसी का मामला फाइनल नहीं हो पाया। दो साल पहले जय बगलामुखी संस्था को ठेका दिया था। एडब्ल्यूबीआई के नियम के चलते उसे निरस्त करना पड़ा। इसके चलते श्वानों का नसबंदी कार्यक्रम आगे नहीं बढ़ पा रहा था। नगर निगम के स्वच्छता निरीक्षक अरूण गढ़ेवाल का कहना है कि आवारा श्वान कंट्रोल एजेंसी के टेंडर में दो एजेंसियों ने रुचि ली। आगे इस मामले को निविदा समिति के समक्ष रखा जाएगा, यह नियम शर्तों के आधार पर उसे फाइनल करेगी।
Published on:
25 Sept 2024 10:51 am
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