
सिटी बसों में 30 प्रतिशत डिजिटल पैमेंट, डिजिटल कैशलेस बस भी हुई बंद
वर्तमान दौर में डिजिटल पैमेंट पर जोर है, यूपीआइसेे भुगतान पूरे देश में कुल भुगतान का करीब 80 प्रतिशत हो गया है, लेकिन एआइसीटीएसएल की बसों में यह व्यवस्था शुरू नहीं हो पाई है। बीआरटीएस पर चलने वाले आइ बसोंं में भी ई मनी से टिकट की व्यवस्था नहीं है। बस में सवार होना है तो नकद देकर टिकट लेना होगा। एप से क्यू आर कोड स्कैन कर टिकट लेने की व्यवस्था थी लेकिन वह भी बंद कर दी है। रेगूलर यात्री हैं तो स्मार्ट कार्ड के जरिए यात्रा कर सकते हैं। शहरभर में चलने वाली करीब 350 सिटी बसों में भी यूपीआइपैमेंट की व्यवस्था नहीं है। एक विशेष रूट पर डिजिटल कैशलेस बस सुविधा के तहत पांच बसें शुरू की गई थी, लेकिन उसमें से चार बंद हो गई।
एआइसीटीएसएल निजी ऑपरेटरों के जरिए बसों का संचालन करता है। कुल 14 ऑपरेटर जुड़े हैं और शहर में 350 सिटी बसें 7 ऑपरेटर चला रहे हैं। बीआरटीएस पर 50 आइ बसें हैं, लेकिन किसी में भी यूपीआइ भुगतान नहीं हो रहा है। स्मार्ट कार्ड निरंतर यात्रा करने वाले ही बनवाते हैं। यही कारण है कि एआइसीटीएसएल की बसों में 30 प्रतिशत डिजिटल भुगतान ही हो पा रहा है। यूपीआइ भुगतान नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशान विद्यार्थी हैं। उन्हें बैंक खाते में परिजन राशि देते हैं और नकद नहीं होने से टिकट लेने में दिक्कत होती है।
नकद है तो ही टिकट मिलेगा
बुधवार दोपहर करीब 2 बजे पत्रिका टीम बीआरटीएस के पलासिया थाने के सामने बने स्टॉप पर पहुंची। स्कीम नं. 78 तक के लिए टिकट का कहा तो कमज़्चारी ने 20 रुपए मांगे। यूपीआइ भुगतान का कहने पर उसने स्पष्ट इनकार कर दिया, बोला- नकद ही देना होगा। स्माटज़्काडज़् का पूछा तो बोला यहां नहीं बनता है, दूसरे स्टॉप पर जाना होगा।
डेढ़ साल में बंद हो गई कैशलेस बसें
26 जनवरी 2023 को डिजिटल कैशलेस भुगतान को बढ़ावा देने एआइसीटीएसएल ने अब्दुल कलाम कॉलेज से राऊ रेती मंडी तक पांच कैशलेस बसें शुरू की थी। इनमें ऐप से टिकट लेकर यात्रा की जा सकती था, साथ ही पास व काडज़् का इस्तेमाल यात्रा के लिए हो सकता था। स्थिति यह है कि चार बसें बंद हो गई हैं, एक चल रही है जिसमें नकद भुगतान भी ले रहे हैं। दावा था कि यह व्यवस्था अन्य बसों में शुरू होगी, लेकिन यह आगे नहीं बढ़ पाई।
फैक्ट
- एआइसीटीएसएल की 50 आइबस है जिसमें प्रतिदिन 60 हजार लोग यात्रा करते है, अधिकांश विद्यार्थी वर्ग है।
- 350 सिटी बसें करीब 34 रुट पर चलती है, करीब एक-सवा लाख लोग प्रतिदिन यात्रा करते है।
- तीन तरह से भुगतान की सुविधा है। इसमें मासिक पास, स्मार्ट कार्ड व मोबाइल एप शामिल है। एप के जरिए क्यूआर कोड स्कैन कर टिकट लेने की सुविधा है लेकिन फिलहाल वह चल नहीं रही।
डिजिटल टिकटिंग की परेशानी, व्यवस्था सुधारने के प्रयास
सिटी बस व आइ बसों में अभी डिजिटल भुगतान से टिकट की व्यवस्था चल नहीं रही है, व्यवस्था को सुधारने का प्रयास किया जा रहा है। स्मार्ट कार्ड के जरिए यात्रा की जा सकती है। क्यू आर कोड स्कैन करने की व्यवस्था में कुछ परेशानी है जिसे जल्द ठीक कराया जाएगा।
दिव्यांक सिंह, सीइओ एआइसीटीएसएल।
Published on:
13 Sept 2024 08:22 pm
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