24 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

जयपुर में क्रिसमस से पहले ही पर्यटन पीक पर, आमेर में पार्किंग व्यवस्था अधूरी,मावठे के पास वाहनों की लंबी कतारें

जयपुर. शहर में क्रिसमस (गुरुवार) से 31 दिसंबर (नववर्ष) तक पर्यटन का पीक सीजन शुरू हो रहा है। इस दौरान लाखों देसी-विदेशी सैलानी जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पहुंचेंगे, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी आमेर में पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता […]

less than 1 minute read
Google source verification

जयपुर. शहर में क्रिसमस (गुरुवार) से 31 दिसंबर (नववर्ष) तक पर्यटन का पीक सीजन शुरू हो रहा है। इस दौरान लाखों देसी-विदेशी सैलानी जयपुर के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पहुंचेंगे, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी आमेर में पार्किंग की समुचित व्यवस्था न होने से पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। तीन माह बीतने के बावजूद आमेर में पार्किंग का काम पूरा नहीं हो सका है।

आमेर विकास प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि विभिन्न अनुमतियां देरी से मिलने के कारण 400 वाहनों की क्षमता वाली पार्किंग समय पर तैयार नहीं हो पाई। बुधवार को जैसे ही आमेर में सैलानियों की संख्या बढ़ी, वैसे ही पार्किंग को लेकर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मजबूरी में लोगों ने सड़क किनारे ही वाहन खड़े कर दिए, जिससे यातायात प्रभावित हुआ।

क्रिसमस से पहले ही स्मारकों पर बढ़ी भीड़

पर्यटन के पीक सीजन में सैलानियों का जयपुर पहुंचना शुरू हो गया है। क्रिसमस गुरुवार को है, लेकिन उससे पहले ही बुधवार को सुबह से परकोटा क्षेत्र, आमेर किला, हवामहल, जंतर-मंतर और अल्बर्ट हॉल जैसे विश्व प्रसिद्ध स्मारकों पर सैलानियों की भीड़उमड़ पड़ी। शाम तक शहर के स्मारकों पर 38 हजार से अधिक सैलानी पहुंचे। क्रिसमस और इसके बाद 31 दिसंबर तक यह संख्या और बढ़ने की संभावना है।

यातायात व्यवस्था का प्लान अब तक नहीं

पर्यटन सीजन से पहले यातायात पुलिस और पर्यटन विभाग के अधिकारियों की कई बैठकें हुईं। 31 दिसंबर तक परकोटा और शहर में बेहतर यातायात व्यवस्था लागू करने की बातें की गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस प्लान सामने नहीं आया है।

बुधवार को स्मारकों पर पहुंचे सैलानी

आमेर किला – 13,566

हवामहल – 9,537

अल्बर्ट हॉल – 5,754

जंतर-मंतर – 9,787