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आरटीओ और पुलिस विभाग के बीच तालमेल का अभाव, लोग परेशान

मोपेड बेचने और नाम ट्रांसफर होने के बाद भी पुराने मालिक को मिल रहे हैं चालान

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आरटीओ और पुलिस विभाग के बीच तालमेल का अभाव, लोग परेशान

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सूरत. आरटीओ और पुलिस विभाग के बीच तालमेल के अभाव का खामियाजा वाहन चालकों को भुगतना पड़ रहा है। कई ऐसे लोग, जिन्होंने अपने वाहन बेच दिए हैं, पुलिस विभाग की ओर से उन्हें इ-चालान भेजा जा रहा है। लिंबायत की एक युवती को ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को लेकर लगातार इ-चालान मिल रहे है, जबकि वह अपना वाहन बेच चुकी है और वह खरीदार के नाम पर ट्रांसफर हो चुका है।


परवत पाटिया में माधवबाग सोसायटी निवासी अशोक बच्छावत ने बताया कि 2014 में उन्होंने पुत्री जयश्री के लिए मोपेड खरीदी थी। बाद में उन्होंने यह मोपेड शीतल नाम की युवती को बेच दी। शीतल ने वाहन अपने नाम पर करवा लिया है। आरटीओ के रिकॉर्ड में भी शीतल का नाम दर्ज है। इसके बावजूद वाहन पर एचआरएसपी नंबर प्लेट नहीं होने के कारण पुलिस के कमांड एंड कंट्रोल रूम की ओर से वाहन मालिक शीतल के बजाए पुरानी मालिक जयश्री को चालान भेजे जा रहे हैं। पंद्रह दिन में दो बार इस तरह के चालान मिलने से जयश्री परेशान है। गौरतलब है कि इ-चालान के लिए पुलिस विभाग आरटीओ के डाटा का उपयोग करता है, लेकिन जिस तरह वाहन बेचने और नाम ट्रांसफर होने के बावजूद जयश्री को चालान मिल रहे हैं, इससे पता चलता है कि पुलिस के पास आरटीओ का पुराना डाटा है और दोनों विभागों के बीच तालमेल का अभाव है।