
A tractor trolley loaded with sugarcane overturned near Saikheda.
बैतूल। जिले में सडक़ दुर्घटनाओं पर नियंत्रण पाने और लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से पुलिस विभाग भले ही सडक़ सुरक्षा पखवाड़ा मनाता रहा हो, लेकिन हकीकत यह है कि इसका कोई ठोस असर जमीनी स्तर पर दिखाई नहीं दे रहा। जागरूकता कार्यक्रमों, रैलियों और भाषणों के बाद भी नियमों के पालन को लेकर न तो पुलिस की सख्ती नजर आती है और न ही ट्रैक्टर चालकों में जिम्मेदारी की भावना दिखती है। यही कारण है कि पखवाड़ा खत्म होते ही ओवरलोडिंग के कारण ट्रैक्टर-ट्रालियों के पलटने की घटनाओं में तेजी आ गई है।
इन दिनों जिले में गन्ने की कटाई जोरों पर है। शुगर मिल और गुड़घानों तक जल्दी और अधिक गन्ना पहुंचाने की होड़ में ट्रैक्टर चालक क्षमता से कहीं अधिक गन्ना ट्रालियों में भरकर निकल पड़ते हैं। यह ओवरलोडिंग न केवल कानून का उल्लंघन है बल्कि खुलेआम मौत को दावत देने जैसा जोखिम भी है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि पुलिस को यह सब सडक़ों पर साफ-साफ दिखाई देने के बाद भी कार्रवाई करने की कोई खास जल्दी नहीं रहती। परिणामस्वरूप ओवरलोड ट्रालियां अनियंत्रित होकर सडक़ दुर्घटनाओं का कारण बन रही हैं। गुरुवार को साईंखेड़ा शुगर मिल के पास गन्ने से भरी ट्रैक्टर-ट्राली अनियंत्रित होकर पलट गई। बुधवार रात आमला क्षेत्र में भी इसी तरह की घटना सामने आई, जिसमें गन्ने से भरी ट्राली पलट गई। वहीं सोमवार को बैतूलबाजार में ओवरलोडिंग की वजह से कई क्विंटल गन्ना गिरने से चालक ट्रैक्टर में दब गया था। ऐसी घटनाएं न केवल ट्रैक्टर चालकों के लिए जानलेवा साबित हो रही हैं, बल्कि सडक़ पर चल रहे अन्य वाहन चालकों के लिए भी बड़ा खतरा बनती जा रही हैं। लोगों का कहना है कि यदि पुलिस वास्तव में सडक़ सुरक्षा को लेकर गंभीर है, तो सबसे पहले ओवरलोडिंग पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। केवल पखवाड़ा मनाने से हादसे नहीं रुकेंगें। जरूरत है लगातार निगरानी और चालानी कार्रवाई की। जब तक पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में कठोरता नहीं लाएगी और ट्रैक्टर चालक अपनी जिम्मेदारियों को नहीं समझेंगे, तब तक ऐसी घटनाओं का सिलसिला जारी रहेगा।
Published on:
11 Dec 2025 09:44 pm
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