
प्रतीकात्मक फोटो।
एग्जिट पोल ने कांग्रेस को करारा झटका दिया है, किसी भी एग्जिट पोल ने सत्तारूढ़ पार्टी को दोहरे अंकों का आंकड़ा नहीं दिया जबकि भाजपा और जद-एस गठबंधन को आरामदायक स्थिति में दिखाया। हालांकि, उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने एग्जिट पोलसंख्याओं को खारिज कर दिया।
कर्नाटक में लोकसभा चुनाव को लेकर एग्जिट पोल अनुमानों ने राजनीतिक दलों, खासकर सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी है। एग्जिट पोल में साल भर पहले ही गारंटी योजनाओं के सहारे स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस को आम चुनाव में झटका लगने का अनुमान जताया गया है जबकि मामूली नुकसान के बाद भी विपक्षी भाजपा गठबंधन के राज्य में बढ़त बनाए रखने की संभावना जताई गई है। सभी एग्जिट पोल में एकतरफा रुझान भाजपा नीत एनडीए की बताया गया है। अधिकांश एग्जिट पोल में कांग्रेस के सीटों की संभावित संख्या एकल अंक में बताई गई है जबकि भाजपा और जद-एस गठबंधन को 20 से 25 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है। सभी एग्जिट पोल ने भाजपा को 28 में से कम से कम 18 सीटें दीं जबकि कांग्रेस के लिए उच्चतम अनुमान आठ सीटें रहीं।
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया, टीवी भारतवर्ष-पोलस्टार्ट, इंडिया टीवी-सीएनएक्स, जन की बात, रिपब्लिक टीवी-पी मार्क, एबीपी न्यूज-सी वोटर और इंडिया न्यूज-डी-डायनेमिक्स के एग्जिट पोल में भाजपा और जनता दल-एस गठबंधन को 20 से अधिक सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है। टीवी भारतवर्ष-पोलस्टार्ट ने कांग्रेस को सबसे अधिक आठ सीटें मिलने का अनुमान लगाया है, जबकि एबीपी न्यूज-सी वोटर और इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने कांग्रेस को 3 से 5 सीटें दी हैं।
अब नतीजों पर टिकी निगाहें
2019 के पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा को 25 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस और जनता दल-एस को सिर्फ एक-एक सीटें मिली थी। एक सीट पर भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार ने जीत दर्ज की थी। इस बार जद-एस का गठबंधन भाजपा के साथ है। भाजपा 25 सीटों पर लड़ रही है जबकि जद-एस ने तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। एग्जिट पोल अनुमानों को लेकर दोनों पक्षों के नेता अपने-अपने दावे कर रहे हैं। भाजपा नेताओं ने इसे नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने के पक्ष में जनादेश का संकेत बताया तो कांग्रेस नेताओं ने कहा कि वास्तविक नतीजे एग्जिट पोल अनुमानों से अलग होंगे। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर एग्जिट पोल अनुमान सही साबित हुए तो चुनाव नतीजों से राज्य की राजनीति पर असर पड़ेगा। नेताओं की धड़कनें बढ़ने के साथ ही अब निगाहें 4 जून को होने वाली मतगणना और नतीजों पर टिक गई है। राज्य में इस बार दो चरणों में 14-14 सीटों पर 26 अप्रेल और 7 मई को मतदान हुए थे।
किस एग्जिट पोल में किसकी कितनी सीटें
इंडिया टुडे-एक्सिस माई इंडिया ने भाजपा को 20-22 सीटें, जद-एस को 2-3 और कांग्रेस को 3-5 सीटें दीं। जन की बात ने भाजपा को 18-22, जद-एस को 1-3 और कांग्रेस को 4-8 सीटें दीं। टीवी9पोलस्ट्रैट और पीपुल्स इनसाइट ने भाजपा को 18, जद-एस को दो और कांग्रेस को आठ सीटें दीं। न्यूज 16 पोल हब ने भाजपा को 21-24, जद-एस को 1-2 और कांग्रेस को 3-5 सीटें दी जबकि रिपब्लिक पी मार्क ने भाजपा और जद-एस को 22 और कांग्रेस को 6 सीटें दी।
क्या होगा राजनीतिक असर
पिछले साल विधानसभा चुनाव में सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने राज्य में पांच ‘गारंटी’ योजनाएं शुरू कीं, जो उसके लोकसभा अभियान का आधार भी रही। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस गारंटी योजनाओं से लाभ मिलने की काफी उम्मीदें थीं मगर पार्टी का खराब प्रदर्शन को गारंटी की सियासी कम होने के तौर पर देखा जाएगा। खराब प्रदर्शन से पार्टी में सत्ता की जंग फिर से तेज हो सकती है और नेतृत्व मुद्दा फिर से उठ सकता है। पिछले साल विधानसभा चुनाव में अपमानजनक हार के बाद भाजपा के लिए अच्छा प्रदर्शन एक बड़ी ताकत साबित हो सकता है।
दोहरे अंक में सीटें जीतने का भरोसा: शिवकुमार
उपमुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डी.के. शिवकुमार ने एग्जिट पोल के दावों को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में दोहरे अंक पार करेगी। उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के लिए लिए गए नमूने पर्याप्त नहीं होते हैं। इसकी विश्वसनीयता सवालों के घेरे में होती है। यह सही परिणाम नहीं प्रदर्शित करते हैं। इससे पहले मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या और डीके शिवकुमार ने दावा किया था कि कांग्रेस 15 से 20 सीटें जीतेगी। शिवकुमार ने कहा कि इंडिया गठबंधन सत्ता में आएगा। जब 4 जून को चुनाव के परिणाम आएंगे तब सबकुछ साफ हो जाएगा।
जनता ने मोदी पर जताया भरोसा: तेजस्वी
बेंगलूरु दक्षिण क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार और भारतीय जनता युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्य ने कहा कि कर्नाटक में लोगों ने भाजपा के पक्ष में भारी बहुमत से फैसला सुनाया है। ऐसा करके उन्होंने संकेत दिया है कि विधानसभा चुनाव और संसदीय चुनाव में उनका वोटिंग पैटर्न बहुत अलग है। कांग्रेस एक खास आर्थिक मॉडल को थोपने की कोशिश कर रही है, जो देश के लिए आर्थिक तबाही का पक्का संकेत है। जनता ने फिर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा जताया है।
Updated on:
02 Jun 2024 01:59 am
Published on:
02 Jun 2024 01:53 am
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