महिला रामसखी पत्नी लेखराम आदिवासी निवासी घोघरा थाना मढ़िया दो, दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी का काम करते हैं। शनिवार सुबह ये लोग दमोह रेलवे स्टेशन पर उतरे। ढाई माह के बच्चे की तबियत खराब थी ऐसे मेें वे उसे जिला अस्पताल ले जाने की तैयारी करने लगे। बच्चा रोया तो उसकी मां ने बैठकर वहीं दूध पिलाना शुरू कर दिया। इसी बीच हत्यारा महिला के पास तक आया और मारपीट करने लगा। महिला चीखी तो पास में खड़े पति दोनों को बचाने दौड़ा, लेकिन आरोपी ने उसे भी पीटा। इसी बीच महिला मदद के लिए चिल्लाती रही, लेकिन कोई नहीं आया। हत्यारे ने बच्चे को इतना मारा कि उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
हैरानी की बात-मां बाप आरोपी को जानते नहीं जीआरपी की डीएसपी सारिका पांडे ने महिला और उसके पति से पूछताछ की तो उन्होंने हत्यारे को पहचानने से मना कर दिया। रामसखी और लेखराम ने अपने बयान में बताया कि वे हत्यारे को जानते नहीं हैं। लेकिन ये बात अफसरों के गले नहीं उतर रही, उनकी जांच जारी है। रेलवे स्टेशन के सीसीटीवी फुटेज जांचने पर घटना सुबह 4.52 की सामने आई है। आरोपी का एक फोटो भी रेलवे ने जारी किया है। आरोपी काले रंग का कुर्ता और केसरिया धोती पहने हुए था, उसकी तलाश की जा रही है।
काले रंग की स्कूटी से फरार हुआ हत्यारा रेलवे की फ़ुटेज जांच में हत्या को अंजाम देने के बाद हत्यारा परिसर में रखी अपनी काले रंग की स्कूटी पर सवार हुआ और सागर मार्ग की ओर रवाना हो गया। इसके बाद आरोपी ने सागर नाका के आगे टोल प्लाजा से कुछ दूरी पर एक दुकान में चाय पी और फिर अपनी स्कूटी धोई इसके बाद वह आगे निकल गया।
शव ले जाने वाहन भी उपलब्ध नहीं हुआ सिविल वार्ड स्थित मोर्चरी में हुए शव परीक्षण के बाद जीआरपी पुलिस ने पीडि़त परिवार को उनके गांव के लिए रवाना किया। पीडि़त परिवार को उसके गांव तक छोडऩे के लिए चार पहिया वाहन का इंतजाम नहीं कर पाया। जबकि जिला मुख्यालय से गांव करीब ७० किमी दूर है। पुलिस ने इस परिवार को गांव तक छोडऩे के लिए ऑटो रिक्शा बुलाया और उससे गांव के लिए रवाना कर दिया।