इंदौर। देश के जाने-माने भजन गायक अमेय डबली गुरुवार को शहर पहुंचे। स्वयं के सफर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को साझा करते हुए कहा कि वर्तमान दौर में हर व्यक्ति एक इंडिविजुअल लाइफ जी रहा है। एकाकी परिवार बढ़ गए हैं। दादा-दादी, नाना-नानी दूर हो गए। इस जीवनशैली में कई प्रकार की समस्याएं होने लगी है। इन समस्याओं का आसान हल सिर्फ संगीत है। पिछले 14 वर्षों के सतत संगीत के सफर में कई ऐसे कंसर्ट किए है, जो थेरेपी जैसे ही थे।
पत्रिका से बातचीत में इन सवालों के दिए जवाब
सवाल- केमिकल इंजीनियर से सिंगर बनना कब तय किया?
जवाब-मां ने संगीत में पीएचडी किया और पिता ने भी संगीत की उपाधि प्राप्त की। मेरे मम्मी-पापा ने कहा कि विरासत में देने के लिए हमारे पास सिर्फ संगीत है। मैंने इंजीनियरिंग की, लेकिन शिक्षा आपको एक दिशा देती है। बतौर केमिकल इंजीनियर भी कार्य किया। इसके बाद कुछ साल तक बैंक में वाइस प्रेसीडेंट के तौर पर भी कार्यरत रहा, लेकिन फिर लगा कि नहीं संगीत ही मेरी दुनिया है। वहीं से फिर मैंने पूरी तरह गाना शुरू किया।
सवाल-संगीत थेरेपी किन बीमारियों के लिए कितनी कारगर है?
जवाब-वर्तमान में मानसिक संतुलन की समस्या बढ़ रही है। इस समय बच्चे, बड़े सभी को तनाव और प्रेशर है, उसके लिए कोई आउटलेट नहीं है। सिर्फ संगीत सबसे बड़ा आउटलेट है। जीवन में यही संगीत सबसे बेहतर थेरेपिस्ट साबित होता है। इसमें भी जरूरी है कि सही समय पर सही संगीत सुना जाए।
सवाल-170 प्रोग्राम सिर्फ आर्मी अफसरों के लिए करने का कोई विशेष कारण?
जवाब- मैंने लगभग 1 हजार कार्यक्रम देशभर में किए हैं। हालांकि इसमें से 830 प्रोग्राम पब्लिक के लिए और 170 कार्यक्रम सिर्फ आर्मी ऑफिसर के लिए है, जो देश के 60 कैंटोनमेंट में किए। सीमा पर तैनात रहने वाले जवानों को संगीत में एक सुकून मिलता है। वे भी तनाव को कम कर सके। देश में अब तक जितने भी कार्यक्रम कैंटोनमेंट में हुए, वे सभी म्यूजिक थेरेपी पर ही आधारित थे।
सवाल- कृष्णा-म्यूजिक ब्लिस एंड बियान्ड की शुरुआत कब और कहां से हो रही है?
जवाब- कृष्णा-म्यूजिक ब्लिस एंड बियान्ड के इंडिया टूर की शुुरुआत इंदौर से ही हो रही है। 22 जून को लाभमंडपम ऑडिटोरियम में शाम 7 बजे आयोजन होगा। इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए दर्शक बुक मॉय शो से टिकट की बुकिंग कर सकते हैं। इसके बाद शो की शुरुआत दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद सहित देश के 11 शहरों में की जाएगी।