22 दिसंबर 2025,

सोमवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

नया प्रयोग: बल्डिंग मटेरियल से बनेगा पाउडर, इंटरलॉकिंग और रोड कंट्रक्शन में होगा उपयोग

-छावनी परिषद 25 लाख रुपए की लागत से खरीदी तीन मशीने

2 min read
Google source verification

image

Shailendra shirsath

Sep 27, 2022

नया प्रयोग: बल्डिंग मटेरियल से बनेगा पाउडर, इंटरलॉकिंग और रोड कंट्रक्शन में होगा उपयोग

नया प्रयोग: बल्डिंग मटेरियल से बनेगा पाउडर, इंटरलॉकिंग और रोड कंट्रक्शन में होगा उपयोग

डॉ. आंबेडकर नगर (महू). छावनी परिषद द्वारा गीला-सूखा कचरा के लिए डिस्पोज के लिए नया प्रयोग किया जा रहा है। हाल ही में परिषद ने हाट मैदान पर सेंकडरी ट्रांसद्बक्तर पाइंट बनाया है। अभी तक शहरभर से कचरा एकत्र करने वाली कचरा गाडिय़ां सीधे शहर से तीन किमी दूर ट्रिंचिंग ग्राउंड जाती थी। लेकिन अब यह वाहन सीधे सेंकडरी ट्रांसफ पाइंट पर जाएंगे। जहां सूखे कचरे को छांटकर सीधे विक्रय कर दिया जाएगा। इसके साथ अब वेस्ट बल्डिंग मटेरियल से पाउडर बनाया जाएगा, जिसका उपयोग इंटरलॉकिंग और रोड कंट्रक्शन में किया जाएगा। इसके अलावा सेना क्षेत्र से निकलने वाली घास आदि को सेना क्षेत्र में ही कंपोस्ट कर खाद तैयार की जाएगी।
जानकारी के अनुसार, हाल ही में छावनी परिषद द्वारा तीन मशीनों को खरीदा गया है। हर एक मशीन का अपना काम है। पहली क्रैशर मशीन है। जिसमें वेस्ट बिल्डिंग मटेरियल से पाउडर बनाया जाएगा। जिसका उपयोग रोड कंट्रक्शनए इंटरलॉकिंग आदि कामों में उपयोग किया जाएगा। दूसरी नारियल क्रैशिंग मशीन है। जिससे बड़ी संख्या में आने वाले नारियल को क्रैश का पाउडर बनाया जाएगा। इसके अलावा एक अन्य शेड्रर मशीन भी क्रय की गई है। तीनों मशीनों की लागत करीब 25 से 30 लाख रुपए है। परिषद के स्वास्थ्य अधीक्षक मनीष अग्रवाल ने बताया कि जल्द ही इन मशीनों का उपयोग शुरू कर दिया जाएगा।
सेना क्षेत्र में बनेगा शेड्रिंग शेड
सेना क्षेत्र से बड़ी मात्रा में घास और बारिक लकडिय़ां ट्रिंचिंग ग्राडंड आती है। जिसमें अधिक स्पेस लगता है। इसलिए सेना क्षेत्र में ही शेड्रिंग शेड बनाया जा रहा है। यहां पर गड्डे बनाएं जाएंगे। शेड्रर मशीन से बारिश लकडिय़ा और घास की बारिक कटिंग कर यहीं पर गड्डे में डालेंगे। ताकि तीन से चार माह में खाद तैयार हो सके। इधर, टे्रंचिंग ग्राउंड में लगी पुरानी मशीनों की कार्य क्षमता बढ़ाने के लिए 7 लाख रुपए से सुधार कार्य करवाया गया है। अभी तक यह मशीन 2 घंटे की चल पाती थीए लेकिन अब 12 से 15 घंटे लगातार चल पाएगी।
डीजल बचेगा और गाडिय़ों के फेरे बढ़ेंगे
जानकारी के अनुसार हाट मैदान पर सेकंडरी ट्रांसफर पाइंट तैयार किया गया है। यहां पर शहर की सभी कचरा गाडिय़ो का सूखा कचरा एकत्र किया जाएगा। जिसमें कपड़ा, कांच, प्लास्टिक, चमड़ा, लोहा आदि को अलग-अलग तक तुरंत विक्रय कर दिया जाएगा। इससे मुख्य टे्रंचिंग ग्राउड पर खाली स्पेस बढ़ेगा। इसके साथ तीन किमी गुजरखेड़ा स्थित कचरा गाडिय़ों को नहीं जाना पड़ेगा। जिससे डीजल की बचत तो होगी ही इसके साथ ही गाडिय़ों के फेरे भी बढ़ाए जा सकेंगे। वहीं गीला कचरा सीधे टे्रंचिंग ग्राउंड भेजा जाएगा।