
प्रदूषण से राहत के लिए
नई दिल्ली. राजधानी में कृत्रिम वर्षा की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए दिल्ली सरकार जल्द ही क्लाउड-सीडिंग के लिए पांच परीक्षण करेगी। ये परीक्षण अलग-अलग दिनों में किए जाएंगे और प्रत्येक उड़ान लगभग एक से डेढ़ घंटे की होगी। क्लाउड सीडिंग की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका आइआइटी कानुपर की होगी। संस्थान ही वैज्ञानिक व परिवहन साधनों से जुड़े पहलुओं के आधार पर दिल्ली में विभिन्न जगहों का चयन करेगा। सभी ट्रायल दिल्ली के बाहरी क्षेत्रों में होंगे। मौसम की अनुकूलता के अनुसार सभी परीक्षण एक सप्ताह के भीतर या एक-दो दिन के अंतराल पर संपन्न किए जा सकते हैं। क्लाउड-सीडिंग, जिसे आम भाषा में कृत्रिम वर्षा कहा जाता है, एक वैज्ञानिक तकनीक है जिसमें बादलों में रसायन जैसे सिल्वर आयोडाइड या अन्य कण छोड़े जाते हैं। ये कण बादलों के भीतर संघनन को बढ़ावा देते हैं और यदि बाकी मौसमीय परिस्थितियां अनुकूल हों, तो वर्षा का कारण बनते हैं।
Published on:
14 May 2025 04:31 pm
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