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पवित्र नदी को फिर प्रदूषित करने की तैयारी

चार साल बाद भी नहीं बन पाया ट्रीटमेंट प्लांट

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Shailendra shirsath

Jan 11, 2023

पवित्र नदी को फिर प्रदूषित करने की तैयारी

पवित्र नदी को फिर प्रदूषित करने की तैयारी

डॉ. आंबेडकर नगर (महू). आलू चिप्स को लेकर पूरे देश में मशहूर महू में एक बार फिर आलू चिप्स की तैयारी शुरू हो चुकी है। नए आलू आने के बाद अब कारखाने संचालक भट्टी के लकड़ी जुटाने में लग गए हैं। लेकिन इस साल भी यहां बहने वाली नदी को बचाने के लिए कोई काम नहीं हुआ है। दरअसल, कोदरिया और आस-पास के 200 से अधिक आलू़़ कारखानों में आलू चिप्स बनाई जाती है। जिससे बड़ी संख्या में प्रदूषित पानी बड़ी नदी में छोड़ा जाता है। करीब चार साल पहले जनपद इंजीनियर, कोदरिया पंचायत और कारखाने संचालकों ने मिलकर जनभागीदारी से ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन आज तक यह प्रोजेक्ट तैयार ही नहीं हुआ है।
पिछले कई वर्षों से कोदरिया और आसपास के इलाके में आलू की चिप्स तैयार करने के कारखाने हैं। फरवरी से मई तक चार माह तक यहां सैकड़ों कारखानों में चिप्स, पशु आहार, पपेटो क्यूब तैयार किए जाते हैं। इस दौरान बड़ी मात्रा में प्रदूषित पानी पास की नदी में बहाया जाता है। 2019-20 में पंचायत और जनपद इंजीनियर द्वारा नदी को साफ रखने के लिए ट्रीटमेंट प्लांट का प्रोजेक्ट तैयार किया गया था। इसके लिए कारखाना संचालकों ने मिलकर 15 लाख रुपए पंचायत के ज्वाइंट अकाउंट में जमा किए थे। इसके बाद प्रोजेक्ट भी तैयार किया गया। लेकिन प्रदूषण बोर्ड की आपत्ति के बाद प्रोजेक्ट बंद हो गया। इसके बाद नए प्रोजेक्ट पर कभी काम ही नहीं हुआ। गत वर्ष एसडीएम अक्षत जैन ने इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया था, लेकिन अब तक प्रोजेक्ट जमीन पर नहीं आ पाया। आलू कारखाना अध्यक्ष मनोज सैनी ने बताया कि चार वर्ष पहले प्रोजेक्ट तैयार हुआ था। लेकिन बाद में काम नहीं हुआ। हर साल कोदरिया व अन्य जगहों पर 200 से अधिक कारखाने संचालित किए जाते हैं। जिसे हजारों टन चिप्स तैयार की जाती है, जो देशभर के व्यापारियों द्वारा खरीदी जाती है। इस बार फरवरी माह तक ही कारखाने शुरू होंगे।
कच्चा आलू आ रहा
फिलहाल आलू चिप्स के लिहाज से आलू बाजार में नहीं आ रहा है। अधिकांश किसानों ने अन्य फसल लगाने के लिए पहले ही आलू निकाल कर मंडी में बेच दिए हैं। सैनी ने बताया कि वर्तमान में मंडी में कच्चा आलू आ रहा है। जिसके छिलके निकले हुए आ रहे हैं। इन आलूओं से चिप्स नहीं बनाई जा सकती है। फरवरी की शुरुआत तक कोल्ड स्टोर और मंडी में आलू आना शुरू हो जाएंगे। जिसके बाद प्रोडक्शन शुरू हो जाएगा।
इसलिए जरूरी प्लांट
जानकारी के अनुसास, आलू कारखानों का गंदा और दूषित पानी कोदरिया बड़़ी नदी से होते हुए गुजरखेड़ा, किशनगंज होते हुए गंभीर नदी में जाकर मिलता है। जिससे यह नदी भी प्रदूषित होती है। प्लांट बनने पर प्रदूषित पानी ट्रीट होकर नदी में जाएगा, जिससे नदी प्रदूषित होने से बचने और आसपास का ग्राउंड लेवल पानी भी दूषित नहीं होगा।