
हर रोज पहुंच रहे 700 से अधिक मरीज, धूप में होते हैं परेशान
शहडोल. जिला अस्पताल में आने वाले मरीजों को बेहतर व सरल सुविधा मिल सके इसके लिए कुछ दिनों पहले शुरू की गई क्यूआर कोड सिस्टम अब पूरी तरह बंद हो चुका है। मरीजों को पहले की तरह ही कतार लगाकर ओपीडी पर्ची कटाने को मजबूर होना पड़ रहा है। रजिस्ट्रेशन कक्ष में क्यूआर कोड को काफी छोटे पेपर में चिपकाया गया है। जिससे मरीजों को इसकी जानकारी भी नहीं लग पाती। इसके साथ ही मरीजों को केस हिस्ट्री तैयार करना मुश्किल हो रहा है। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन कक्ष के सामने मरीजों की भीड़ लगने से पर्याप्त छांव की सुविधा नहीं है। जिसके कारण मरीजों को धूप में ही कतार लगाकर पर्ची कटाने की मजबूरी होती है। लगातार तापमान 40 डिग्री पार तक पहुंचने लगा है। बदलते मौसम से मरीजों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। अवकाश के दिनों को छोड़ दिया जाए तो हर रोज 700 से 800 मरीज आ रहे हैं।
परेशान हुए मरीज, बंद रहा क्यूआर सिस्टम
जिला चिकित्सालय में सोमवार की दोपहर साढ़े बजे रजिस्ट्रेशन कक्ष के सामने ओपीडी पर्ची कटाने मरीजों की लाइन लगी थी। इसमें कुछ मरीज के परिजन ने क्यूआर कोड के माध्यम पर्ची कटवाना चाहा पर सुविधा नहीं मिल सकी। परिजन को लेकर आए रवि सिंह ने बताया कि मोबाइल में आभा एप डाउनलोड है पर ओपीडी की पर्ची लेने के लिए क्यूआर काम नहीं कर रहा है। इसी तरह अनिल कुमार ने बताया कि वह अपनी बच्ची को बुखार आने पर लेकर आए हैं, क्यूआर कोड काम नहीं करने से लाइन में लगकर पर्ची कटाने को मजबूर होना पड़ा।
क्यूआर सिस्टम से आसान होते हैं ये काम
मरीज को अपने मोबाइल पर आभा ऐप डाउनलोड कर रखना होगा। जिसमें मरीज की कुछ आवश्यक जानकारी अपलोड करने के बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। स्वास्थ्य संबंधि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर ऐप में दिए गए स्कैनर के माध्यम से अस्पताल के क्यूआर कोड को स्कैन करना होगा। जिससे मरीज की ओपीडी पर्ची के लिए संबंधित जानकारी रजिस्ट्रेशन कक्ष के कम्प्यूटर में दर्ज हो जाएगी और मरीज को बिना लाइन में लगे पीर्ची मिल जाएगी। आभा ऐप में मरीज के स्वास्थ्य संबंधी सभी हिस्ट्री दर्ज होगी। इससे मरीज को अपने पास उपचार संबंधि दस्तावेज रखने की जरूरत भी नहीं होगी। मरीज किसी भी अस्पताल में ऐप के माध्यम से अपनी केस हिस्ट्री चिकित्सकों को बता सकता है।
सर्वर की भी समस्या
कर्मचारियों की माने तो सर्वर की समस्या होने से क्यूआर सिस्टम काम नहीं करता है। जिसके कारण कम्प्यूटर से ओपीडी पर्ची काटकर देना पड़ता है। बीते डेढ़ महीने से एकाद को छोड़ दिया जाए तो एक भी पर्ची क्यूआर कोड के माध्यम से काटना नहीं बताया गया है। वहीं इसका लेखा जोखा भी कहीं दर्ज नहीं है।
Published on:
21 May 2024 12:12 pm
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