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कैथलैब मामले में आरोपियों की नहीं हुई गिरफ्तारी, कॉर्डियोलॉजिस्ट के बयान की जांच भी ठंडे बस्ते में

-मिशन अस्पताल की कैथलैब के पंजीयन की हकीकत पर डाला जा रहा पर्दा

दमोहMay 21, 2025 / 11:22 am

आकाश तिवारी


दमोह. मिशन अस्पताल में फर्जी दस्तावेज के आधार पर कैथलैब का पंजीयन का मामला काफी चर्चाओं में रहा। इस मामले में फर्जी कोर्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र यादव सहित अस्पताल प्रबंधन के ९ लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआइआर दर्ज की है। हालांकि इस मामले में अभी तक पुलिस ने किसी की गिरफ्तारी नहीं की है। सिर्फ आरोपी डॉक्टर को ही पुलिस हिरसात में ले पाई है, जो छत्तीसगढ़ से वापस जिला जेल में आ चुका है। इस मामले में मिशन अस्पताल प्रबंधन की ओर से कोर्ट को जानकारी दी गई है कि कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. अभिषेक दुबे झूठ बोल रहे हैं। उनकी सहमति से उनके द्वारा ही अपने नाम पर पंजीयन कराया है। फर्जी कॉर्डियोलॉजिस्ट के कारण हुई सात मौतों के बाद वह खुद को बचाने के लिए झूठ बोल रहे हैं। यही बयान मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को लिखित में दिया है। हैरानी की बात यह है कि इन बयानों की कोई जांच ही नहीं हो रही है।
जानकार बताते हैं कि कैथलैब के पंजीयन के लिए ऑन लाइन प्रक्रिया होती है। इसमें संबंधित डॉक्टर के पास ईमेल आता है। साथ ही ओटीपी भी मोबाइल पर आती है। डॉ. दुबे का सीधे तौर पर यह कहना है कि उन्होंने इस प्रक्रिया में भाग ही नहीं लिया है। न ही कोई साइन किए हैं। ऐसे में सवाल यह भी खड़ा होता है कि लंबे समय से मिशन अस्पताल में जब एंजियोप्लास्टी कर रहे थे, तो एक बार भी पंजीयन के संबंध में प्रबंधन से सवाल क्यों नहीं किए।

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