अब तक क्या प्रक्रिया
जानकारों की माने तो नशा मुक्ति केन्द्र स्वीकृति के बाद सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के जरिए चिकित्सा विभाग के सहयोग से इसका संचालन तय हुआ। इस बीच जिला कलक्टर कानाराम ने लोकसभा चुनाव आचार संहिता से पहले इस दिशा में स्थानीय स्तर पर प्रयास किए। चिकित्सा विभाग को जगह का चयन करने का निर्देश दिया। चिकित्सा विभाग ने राजकीय कैनाल कॉलोनी अस्पताल का इसके लिए चयन किया। मगर यह भवन तभी मिल सकेगा जब कैनाल कॉलोनी अस्पताल को रिले केन्द्र के पास बन रहे नए भवन में शिफ्ट कर दिया जाएगा। हालांकि चिकित्सा विभाग से भवन संबंधी रिपोर्ट मिलने के बाद यह प्रस्ताव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता निदेशालय को भिजवाया जा चुका है।
तो बढ़ रही जरूरत
निजी नशा मुक्ति केन्द्रों की बढ़ती शिकायतों और उनके महंगे इलाज से तंग रोगियों व उनके परिजनों को राहत देने के लिए राज्य का पहला राजकीय नशा मुक्ति केन्द्र हनुमानगढ़ में पिछले साल राज्य बजट में मंजूर किया गया था। निजी नशा मुक्ति केन्द्रों में बिना चिकित्सकों तथा प्रशिक्षित स्टाफ के इलाज करने, रोगियों को प्रताडि़त करने, प्रताडऩा से रोगियों की मौत होने, रंजिश के आधार पर बंधक बनाने, इलाज के नाम पर महंगी फीस वसूलने आदि से संबंधित कई प्रकरण पिछले कुछ बरसों में सामने आ चुके हैं। नशे से पीडि़त अधिकांश रोगी जरूरतमंद परिवार के होते हैं या फिर नशे में सब कुछ खोकर गरीब हो जाते हैं, ऐसे में निजी नशा मुक्ति केन्द्रों की महंगी फीस देकर वहां इलाज कराना उनके बूते से बाहर की बात हो जाती है। इसलिए राजकीय नशा मुक्ति केन्द्र संचालन की जरूरत है।
बढ़ता नशे का संकट
जिले में मेडिकेटेड, चिट्टे आदि का नशा निरंतर बढ़ रहा है। दवा का नशे में इस्तेमाल बड़ी बीमारी बन चुका है। पिछले चार बरस में जिला पुलिस 15 लाख से ज्यादा नशीली दवा व कैप्सूल जब्त कर चुकी है। जबकि बीते दो बरस में पुलिस साढ़े नौ किलोग्राम से ज्यादा चिट्टा जब्त कर चुकी है। यही चिंतनीय स्थिति अफीम, पोस्त, शराब आदि की है। शराब की प्रति व्यक्ति खपत में हनुमानगढ़ जिला प्रदेश के सबसे अग्रणी जिलों में शुमार है।
निदेशालय को प्रस्ताव
नशा मुक्ति केन्द्र के लिए भवन चिह्नित कर निदेशालय को प्रस्ताव भिजवाया जा चुका है। अब तक वहां से कोई दिशा निर्देश नहीं मिले हैं। निदेशालय से निर्देश के आधार पर आगामी कार्यवाही होगी। – सुरेन्द्र कुमार, उप निदेशक, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग।
चिह्नित कर दे चुके रिपोर्ट
जिला कलक्टर के निर्देश पर भवन चिह्नित कर रिपोर्ट दे चुके हैं। कैनाल कॉलोनी अस्पताल का भवन खाली होने पर वहां एक बार नशा मुक्ति केन्द्र संचालित करना प्रस्तावित है। – डॉ. नवनीत शर्मा, सीएमएचओ।