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शुगर कंट्रोल करेगी गेहूं की यह नई किस्म…

इंदौर में गेहूं की नई किस्म तैयार… तापमान भी बेअसर, कम पानी में भी होगी अच्छी पैदावार – प्रधानमंत्री ने फसलों की 109 नई किस्मों का अनावरण किया, इसमें दो किस्में इंदौर अनुसंधान केंद्र में विकसित हुईं दोनों में खास गुण : एक करेगी शुगर कंट्रोल तो दूसरी बेहतरीन पाश्ता-बाफले के लिए उपयोगी इंदौर. प्रधानमंत्री […]

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इंदौर में गेहूं की नई किस्म तैयार... तापमान भी बेअसर, कम पानी में भी होगी अच्छी पैदावार

- प्रधानमंत्री ने फसलों की 109 नई किस्मों का अनावरण किया, इसमें दो किस्में इंदौर अनुसंधान केंद्र में विकसित हुईं

दोनों में खास गुण : एक करेगी शुगर कंट्रोल तो दूसरी बेहतरीन पाश्ता-बाफले के लिए उपयोगी

इंदौर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों दिल्ली में विभिन्न फसलों की 109 नई किस्मों का अनावरण किया था। इसमें गेहूं की सिर्फ दो किस्में शामिल हैं। गौरव की बात है कि दोनों किस्में इंदौर के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान क्षेत्रीय स्टेशन के प्रमुख व प्रधान वैज्ञानिक डॉ. जेबी सिंह ने विकसित की हैं। उन्होंने दावा किया है कि सिंचाई के लिए कम पानी होने का भी गेहूं पर असर नहीं पड़ेगा, उपज अच्छी होगी। इस पर कम या ज्यादा तापमान का भी असर नहीं पड़ेगा। एक गेहूं की किस्म शुगर कंट्रोल करने में लाभकारी है तो दूसरी पाश्ता के अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड वाली है, पाश्ता के साथ बाफला, दलिया में इस्तेमाल होती है। कृषि अनुसंधान केंद्र ने करीब 10-12 साल की रिसर्च के बाद दोनों तरह के गेहूं की किस्म ईजाद की है।

1. ब्रेड गेहूं की किस्म : एचआइ 1665 (पूसा गेहूं शरबती)

एचआइ 1665 एक उच्च उपज देने वाली शरबती गेहूं की किस्म है। इसमें किस्म एचआइ 1605 (पूसा उजाला) की तुलना में महत्वपूर्ण उपज का लाभ है। यह गेहूं की रोटी की किस्म है। इसमें कम ग्लूटेन इंडेक्स (44) है, जो इसे मधुमेह रोगियों के रक्त शर्करा के स्तर को रोकने का बेहतर विकल्प है। प्रधान वैज्ञानिक डॉ. सिंह के मुताबिक, इस गेहूं की रोटी की गुणवत्ता उच्च है। इसमें आयरन, जिंक व प्रोटीन है। आमतौर पर शुगर मरीज को गेहूं खाने से रोका जाता है, लेकिन गेहूं की यह विशेष वैरायटी शुगर को कंट्रोल रखती है। शुगर मरीज के लिए यह अन्य गेहूं से अच्छी है। गेहूं की यह वैरायटी एक पानी की सिंचाई में भी अच्छी उपज देती है। कहा जाता है कि तापमान बढ़ा तो उपज घटी, लेकिन गेहूं की इस वैरायटी पर कोई असर नहीं है।

2. ड्यूरम/कठिया गेहूं की किस्म : एचआइ 8840 (पूसा गेहूं गौरव)

यह एक उच्च उपज देने वाली ड्यूरम गेहूं की किस्म है। रोटी के साथ ही यह बाफले, पाश्ता व दलिया के लिए विशेष किस्म है। प्रधान वैज्ञानिक के मुताबिक, यह गेहूं की किस्म अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड के पाश्ता के लिए है। दावा है कि यह गेहूं भी कम सिंचाई होने की स्थिति में भी बेहतर उपज देता है। ज्यादा पानी होने पर उपज और बढ़ती है। इस गेहूं की रोटी नरम बनती है और पाश्ता स्पेशल तरीके के बनता है।