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भगवान शिव को भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीज़, हो सकता है आपका विनाश

भगवान शिव को भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीज़, हो सकता है आपका विनाश

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भोपाल

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Tanvi Sharma

Sep 22, 2018

shiv pooja

भगवान शिव को भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीज़, हो सकता है आपका विनाश

देवी-देवताओं की पूजा में हम कई तरह की सामग्रियों का उपयोग करते हैं जिनसे भगवान को प्रसन्न किया जा सके। हिंदू धर्म के अनुसार सभी देवी-देवताओं को प्रसन्न करने के लिए अनेकों प्रकार की सामग्रियां है।हम देवताओं को प्रसन्न करने के लिए ना सिर्फ उनकी मनप्रसन्न सामग्रियां उपयोग में लेते हैं बल्कि हम उनकी पूजा व आराधना में भी कुछ विशेष विधि से करते हैं। हम देवताओं की मनपसंद चीजें उसके सामने इसलिए रखते हैं जिससे की वे प्रसन्न होकर हमें मनोकामना पूर्ति का अशीर्वाद प्रदान करें। सभी देवों में भोलेनाथ बहुत जल्दी प्रसन्न होते हैं व जल्दी वरदान भी देते हैं। भगवान शिव जितना जल्दी प्रसन्न होते हैं उतना जल्दी ही उन्हें क्रोध भी आ जाता है। भगवान शिव का रौद्र रूप काफी भयभीत करने वाला होता है। भगवान शिव को भांगधतूरे का चढ़ावा बहुत पसंद है, पर कुछ ऐसी वस्तुएं भी हैं जिनका उपयोग शिव आराधना के दौरान बिल्कुल नहीं करना चाहिए। शिवपुराण के अनुसार शिव भक्तों को कभी भी भगवान शिव को तुलसी, हल्दी और सिंदूर सहित ये उन्य वस्तु नहीं चढ़ाना चाहिए। आइए जानते हैं कौन सी हैं वो वस्तुएं।

कुमकुम या सिंदूर

सिंदूर, विवाहित स्त्रियों का गहना माना गया है। सिंदूर या कुमकुम हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए लगाती हैं। जैसा की हम जानते हैं कि भगवान शिव विध्वंसक के रूप में जाने जाते हैं इसलिए शिवलिंग पर कुमकुम नहीं चढ़ाया जाता है।

हल्दी ना चढ़ाएं

शिवजी के अतिरिक्त लगभग सभी देवी-देवताओं को पूजन में हल्दी गंध और औषधि के रूप में प्रयोग की जाती है। शिवलिंग पर हल्दी कभी नहीं चढ़ाई जाती है क्योंकि यह महिलाओं की सुंदरता को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होती है। और शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है।

शंख से जल

भगवान शिव की पूजा में शंख का उपयोग वर्जित होता है। दैत्य शंखचूड़ के अत्याचारों से देवता परेशान थे। भगवान शंकर ने त्रिशुल से उसका वध किया था, जिसके बाद उसका शरीर भस्म हो गया। शंखचूड़ के भस्म से ही शंख की उत्पत्ति हुई थी। यही कारण है की शिवजी की पूजा में शंख का उपयोग नहीं किया जाता और शिव जी को कभी भी शंख से जल अर्पित नहीं किया जाता है।

नारियल का पानी

शिवलिंग पर नारियल अर्पित किया जाता है लेकिन इससे अभिषेक नहीं करना चाहिए। इसलिए शिव पर नारियल का जल नहीं चढ़ाना चाहिए। भगवान शिव की पूजा में नारियल प्रयोग नहीं किया जाता है और नारियल को लक्ष्‍मी का रूप माना गया है, इसलिए भगवान शिव को छोड़कर सभी शुभ कार्यों में नारियल का प्रयोग होता है।

तुलसी की पत्ती

वैसे तो तुलसी की पत्तियां पूजा में काम आती है, लेकिन भगवान शिव की पूजा के लिए नहीं करना चाहिए। कहा जाता है की भगवान शिव ने जालंधर नामक राक्षस का वध किया था और जालंधर की पत्‍नी वृंदा तुलसी का पौधा बन गई थी। इसलिए वृंदा ने भगवान शिव की पूजा में तुलसी के प्रयोग वर्जित है।

केतकी के फूल

पौराणिक कथा के अनुसार केतकी फूल ने ब्रह्मा जी के झूठ में साथ दिया था, जिससे नाराज होकर भोलनाथ ने केतकी के फूल को श्राप दिया। शिव जी ने कहा कि शिवलिंग पर कभी केतकी के फूल को अर्पित नहीं किया जाएगा। इसी श्राप के बाद से शिव को केतकी के फूल अर्पित किया जाना अशुभ माना जाता है।