
वास्तुशास्त्र के अनुसार अशोक के पेड़ से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। पेड़ को घर के उत्तर दिशा में लगाना चाहिए। जिससे गृह में सकारात्मक ऊर्जा का संचारण होता रहता है और घर के बाहर लगाने से नकारात्मक ऊर्जा घर में प्रवेश नहीं कर पाती है। घर में अशोक का पेड़ होने से घर में सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है अशोक का पेड़ होने से किसी व्यक्ति की अकाल मृत्यु नहीं होती है। इस पेड़ से कई अधीक लाभ होते हैं लेकिन फायदा लेने के लिए इसका सही दिशा में लगाने से ही प्राप्त होगा। आइए अशोक के पेड़ से होने वाले कई फायदों के बारे में जानते हैं।
1. बच्चों की याददाश्त के लिए
वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि बच्चों की याददाश्त कमजोर होती है जिन्हें पढ़ाई करने के बाद भी कुछ याद नहीं रहता उन्हें प्रतिदिन कुछ समय अशोक के पेड़ के नीचे बैठकर अध्ययन करना चाहिए इससे उनकी याददाश्त बढ़ेगी। इसी के साथ अशोक की छाल तथा ब्रह्मी समान मात्रा में सुखाकर उसका चू्र्ण बना लें। इस चूर्ण को 1 चम्मच सुबह 1 चम्मच शाम को एक गिलास हल्के गर्म दूध के साथ पीने से जल्दी ही लाभ मिलने लगता है।
2. सकारात्मक ऊर्जा के लिए
आपने कई घरों के बाहर देखा होगा अशोक के पत्तों की बंदनवार बंधी होती है। असल में वास्तुशास्त्र के अनुसार घर के बाहर दरवाजे पर अशोक के पत्तों की बंदनवार बांधने से नकारात्मक ऊर्जा घर के अंदर प्रवेश नहीं कर पाती है। इसलिए इसे घर के बाहर बांधा जाता है।
3. महिलाओं के शारीरिक ऊर्जा के लिए
यदि घर की महिलाएं अशोक के वृक्ष पर प्रतिदिन जल चढ़ाती हैं तो इससे उनके वैवाहिक जीवन में सुखद वातावरण बना रहता है। अशोक का पेड़ घर में लगाने से परिवार की महिलाओं की शारीरिक व मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है।
4. व्यवसाय में लाभ के लिए
जिस जातक को व्यवसाय में लगातार हानि हो रही हो और उनका व्यवसाय बन्द होने की कगार पर हो। उन जातकों के लिए यह उपाय करना लाभकारी हो सकता है, अशोक के वृक्ष के बीजों को प्राप्त कर उन्हें स्वच्छ करके धूप व अगरबत्ती दें। आंखें बन्द करके अपनी समस्या से मुक्ति देने की प्रार्थना करें इसके बाद इन बीजों में से एक बीज का ताबीज बनाकर अपने गले में धारण कर लें। बाकी बचे बीजों को धन के स्थान या तिजोरी में रख दें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार को करना अति उत्तम रहेंगा।
5. कन्या के विवाह में हो रहे विलंभ के लिए
यदि किसी कन्या का विवाह नहीं हो रहा है। तो अशोक के वृक्ष की जड़ और पत्तों को उस कन्या के स्नान करने वाले जल में डाल दें। उसके बाद उस जल में कान्या स्नान करें। स्नान करने के बाद इन पत्तों को परिवार के किसी भी सदस्य से पीपल वृक्ष में डालवा दें। यह प्रयोग कम से कम 41 दिन तक अवश्य करें। यह उपाय शुक्ल पक्ष के प्रथम सोमवार से शुर कर सकते हैं। ऐसा करने से शीघ्र ही उस कन्या का विवाह योग ? बनने लगते हैं।
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