देहरादून. हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दलित आइएएस अधिकारी और राज्य के खनन सचिव ब्रजेश संत के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में घिर गए हैं। यह तब हुआ जब हरिद्वार से भाजपा सांसद रावत ने हाल ही में संसद में उत्तराखंड में अवैध खनन का मुद्दा उठाया और आरोप […]
देहरादून. हरिद्वार के सांसद और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत दलित आइएएस अधिकारी और राज्य के खनन सचिव ब्रजेश संत के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर विवादों में घिर गए हैं। यह तब हुआ जब हरिद्वार से भाजपा सांसद रावत ने हाल ही में संसद में उत्तराखंड में अवैध खनन का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में रात में अवैध खनन ट्रकों का संचालन किया जा रहा है। खनन सचिव बृजेश कुमार संत द्वारा आरोपों को 'निराधार, झूठा और भ्रामक' करार दिए जाने के बाद यह मुद्दा और तूल पकड़ गया और उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा सबूत उत्तराखंड के गठन के बाद चालू वित्तीय वर्ष में खनन राजस्व में अब तक की सबसे अधिक वृद्धि है। संत की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कथित तौर पर कहा, 'क्या कहना है? शेर कुत्तों का शिकार नहीं करते।' इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, राज्य की आइएएस एसोसिएशन ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया कि उसके सदस्यों के साथ उचित सम्मान के साथ व्यवहार किया जाना चाहिए।