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राजस्थान में अब बिना छत के भी मिलेगी सोलर पैनल की सस्ती बिजली, नई व्यवस्था लागू करने के निर्देश

राजस्थान में अब जिन उपभोक्ताओं के पास अपना छत नहीं है, ऐसे लोगों को भी सोलर की सस्ती बिजली मिल सकेगी। इसको लेकर डिस्काम्स ने वर्चुअल और ग्रुप नेट मीटरिंग व्यवस्था क्रियान्विति करने के निर्देश जारी किए हैं।

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जयपुर

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Kamal Mishra

Dec 31, 2025

solar panels

फोटो-पत्रिका

जयपुर। प्रदेश में जिन उपभोक्ताओं के पास अपनी छत नहीं है, उनके लिए अब सोलर बिजली पाना आसान हो गया है। राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के आदेश के करीब ढाई महीने बाद डिस्कॉम्स ने वर्चुअल नेट मीटरिंग और ग्रुप नेट मीटरिंग व्यवस्था को लागू करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इससे ऐसे उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी, जो अब तक छत की उपलब्धता नहीं होने के कारण सोलर सिस्टम नहीं लगा पा रहे थे।

नई व्यवस्था का सबसे ज्यादा लाभ मल्टीस्टोरी अपार्टमेंट में रहने वाले लोगों, गांव-ढाणी में बसे उपभोक्ताओं, सरकारी और निजी कार्यालयों, लघु व मध्यम उद्योगों तथा एक मेगावाट तक विद्युत भार वाले बड़े उद्योगों को होगा। वर्चुअल और ग्रुप नेट मीटरिंग के जरिए अब उपभोक्ता अपनी बिजली जरूरत के लिए किसी अन्य स्थान पर लगे सोलर प्लांट से जुड़ सकेंगे। इससे सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा का लाभ अधिक लोगों तक पहुंच सकेगा।

10 किलोवाट तक नहीं होगा तकनीकी अध्ययन

डिस्कॉम्स प्रबंधन के अनुसार 10 किलोवाट तक के घरेलू सोलर प्रोजेक्ट को बिना किसी तकनीकी अध्ययन के स्वीकृत माना जाएगा। इससे उपभोक्ताओं को समय और प्रक्रिया दोनों में राहत मिलेगी। 10 किलोवाट से अधिक क्षमता वाले सोलर प्रोजेक्ट के लिए तकनीकी अध्ययन अनिवार्य होगा। इसके लिए मौजूदा उपभोक्ताओं के मामले में 15 दिन और नए कनेक्शन के लिए 30 दिन की समय सीमा तय की गई है।

बालकनी में भी लग सकेगा सोलर पैनल

इस योजना के तहत सोलर संयंत्र केवल छत पर ही नहीं, बल्कि बालकनी, अन्य उपलब्ध भूमि, सार्वजनिक स्थानों और जलाशयों पर भी लगाए जा सकेंगे। घरेलू उपभोक्ताओं को व्हीलिंग चार्ज, बैंकिंग चार्ज और क्रॉस सब्सिडी सरचार्ज से पूरी तरह छूट दी गई है, जिससे बिजली की लागत और कम होगी।

एक्सेस दरों में भी छूट

अन्य उपभोक्ताओं को भी कई शुल्कों में राहत मिलेगी। रेस्को मॉडल के तहत अधिभार सामान्य ओपन एक्सेस दरों के मुकाबले 50 प्रतिशत ही लिया जाएगा। बैटरी एनर्जी स्टोरेज से जुड़ी परियोजनाओं को अतिरिक्त प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसमें 5 प्रतिशत बैटरी भंडारण क्षमता पर व्हीलिंग चार्ज में 75 प्रतिशत और 30 प्रतिशत से अधिक बैटरी भंडारण क्षमता पर पूरी छूट दी जाएगी। इससे सोलर ऊर्जा को बढ़ावा मिलेगा और उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली मिल सकेगी।