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यह कैसी सुविधाएं: माकेर्ट में नहीं आती कचरा गाड़ी, दुकानों के आसपास बना कूड़ाघर

-दवा मार्केट में सुविधाओं के आभाव में दवा का कारोबार करने मजबूर व्यापारी

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दमोह

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Aakash Tiwari

May 20, 2025

दमोह. शहर एक दर्जन से अधिक मार्केट हैं, लेकिन देखा जाए तो व्यापारियों व खरीददारों की सुविधाओं का यहां कोई ख्याल नहीं रखा जा रहा है। पानी, सड़क, टॉयलेट आदि की कोई सुविधाएं नहीं दी जा रही हैं। पत्रिका ने बस स्टैंड क्षेत्र के दवा मार्केट की पड़ताल की। यहां दाखिल होने के दौरान ही पूरे मार्केट की कहानी सामने आ गई। जर्जर एप्रोच रोड पर चलना मुश्किल था। थोड़ी दूर जाकर देखा तो यहां पर गंदगी के ढेर लगे थे, जैसे यहां पर सफाई ही नहीं होती हो।
थोड़े आगे चलकर गए तो यहां पर एक छोटी टॉयलेट बनी मिली, लेकिन पानी न होने के कारण आसपास बदबू भरी हुई थी। बारिश के दौरान यह मार्केट बेहद ही खराब स्थिति में पहुंच जाता होगा, इसका भी अंदाजा लग गया। बहरहाल यह बात व्यापारियों के मुंह से भी जानने की कोशिश की। एक-एक कर व्यापारियों से पत्रिका टीम ने बात की, जिन्होंने खुलकर अपनी परेशानी बयां की।

दशकों से नहीं बनी सड़क
मार्केट जब से बना है तब से यहां पर सड़क नहीं बनी है। जर्जर सड़क के कारण माल वाहकों को सामान लाने और ले जाने में काफी परेशानी होती है। दवाएं भी गिर जाती हैं। सीएम हेल्प लाइन तक में शिकायत कर चुके हैं, लेकिन सड़क नहीं बन रही। नगर पालिका के साथ बैठक हुई थी, जिसमें बोला गया कि यूनियन मिलकर ६ लाख रुपए दे तो सड़क बना देंगे।
अजीत छत्तानी, दवा व्यापारी

पानी खरीदकर पीते हैं
मार्केट में दुकाने जब से ली हैं, तभी से यहां पर पानी की कोई सुविधा नहीं है। लंबे समय से कैंपर खरीदकर पानी पी रहे हैं। सड़क न होने से वाहन भी अंदर मुश्किल से आ पाते हैं। दवा खरीदी करने आने वाले रिटेलर्स अव्यवस्था से काफी परेशान हैं।
भरत सिंह ठाकुर, मेडिकल संचालक

कचरा गाड़ी नहीं आती
मार्केट में नियमित सफाई आज तक नहीं हुई है। क्योंकि मार्केट के अंदर कचरा गाड़ी नहीं आती है। कचरा देने के लिए सड़क तक जाना पड़ता है, लेकिन दुकान खुलने के समय कचरा गाड़ी चली जाती है। पास में एक डंपिंग ऐरिया बन गया है, जहां पूरे दुकानदार दुकान का कचरा डालने मजबूर हैं।
मोहित अमलानी, दवा व्यापारी

हम लोगों ने बनवाया टॉयलेट
टॉयलेट की सुविधा भी इस मार्केट में नहीं है। व्यापारियों ने अपने स्तर पर एक छोटा टॉयलेट बनवाया है, लेकिन पानी नहीं है। इससे टॉयलेट का भी उपयोग बमुश्किल कर पा रहे हैं। यूनियन ने कलेक्टर को एक ज्ञापन भी सौंपा था, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

अशोक चौरसिया, दवा कर्मचारी