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गोदामों में खराब हो रहा करोड़ों रुपए का गेहूं, नान नहीं कर रहा है उठाव!

कुठला क्षेत्र की पांचों गोदामों में २२०० मेट्रिक टन गेहूं भंडारित है। इस गेहूं का उठाव नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा नहीं किया जा रहा, जबकि समय से उठाव कर राशन दुकानों में गरीबों के लिए भेजा जाना था। हैरानी की बात तो यह है कि गेहूं अपग्रेड होने के बाद भी नहीं उठाव कराया गया, जिससे अब वह पूरी तरह से खराब हो जाएगा।

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कटनी. मझगवां ओपन कैब, पुरैनी ओपन कैब, रीठी ओपन कैब, मंडी प्रांगण सहित अन्य स्थानों पर पूर्व के वर्षों की भंडारित १० करोड़ रुपए से अधिक की धान बर्बाद हो गई है। इस मामले में बड़वारा व कुठला थाने में सुरक्षा करने वाली गोग्रीन कंपनी पर एफआइआर भी दर्ज हुई है। जांच ठंडे बस्ते में है। बावजूद इसके अनाज की सुरक्षा को लेकर अफसर गंभीर नहीं हैं। हर साल करोड़ों रुपए का अनाज बेपरवाही की भेंट चढ़ता है। आपको बता दें कि धान की तर्ज पर गेहूं भी बर्बाद हो रहा है। २०१९ से लेकर २०२२ तक शहर की पांच गोदामों में भंडारित है, जिसका समय पर उठाव नहीं हो रहा।
कुठला क्षेत्र की पांचों गोदामों में २२०० मेट्रिक टन गेहूं भंडारित है। इस गेहूं का उठाव नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा नहीं किया जा रहा, जबकि समय से उठाव कर राशन दुकानों में गरीबों के लिए भेजा जाना था। हैरानी की बात तो यह है कि गेहूं अपग्रेड होने के बाद भी नहीं उठाव कराया गया, जिससे अब वह पूरी तरह से खराब हो जाएगा। सूत्रों की मानें तो कुछ माह तक यदि और उठाव नहीं हुआ तो वह मानव स्वास्थ्य के लिए घातक हो जाएगा। नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा जिस खराब गेहूं का डीसीसी हो गया है, उसका भी उठाव नहीं किया जा रहा। जबकि डीसीसी होने पर ५ से ६ माह के अंदर उठाव हो जाना चाहिए।


पांच साल पुराना हो गया अनाज:
इन वेयर हाउसों में जो गेहूं भंडारित है वह तीन से पांच साल पुराना हो गया है। ओम साईंराम में २०१९ का गेहूं भंडारित है। इसी प्रकार शेष वेयर हाउसों में २०२०, २०२१ व २०२२ का गेहूं भंडारित है, जिसका समय पर उठाव नहीं कराया गया। अब यह गेहूं खराब हो रहा है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए घातक होगा।


इस खेल के कारण चल रही मनमानी:
सूत्रों की मानें तो गोदामों में काफी समय तक अनाज भंडारित रखकर वेयरहाउस मालिकों को बतौर किराया दिलाकर लाभ पहुंचाया जाता है। इसके बाद उसकी सुरक्षा के नाम पर करोड़ों रुपए का व्यय होता है। जब अनाज खराब हो जाता है तो औने-पौने दाम में नीलामी कर ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने का खेल होता है। सवाल यह उठता है कि समय रहते अनाज का उठाव क्यों नहीं हो रहा।

यह भंडारित है गेहूं
जानकारी के अनुसार राधिका वेयरहाउस इंद्रानगर में ८०० मेट्रिक टन गेहूं, केजी चौदहा वेयर हाउस कुठला में ५०० मेट्रिक टन गेहूं, श्रीनाथजी वेयरहाउस चाका में ४५० मेट्रिक टन गेहूं, श्यामजी वेयरहाउस चाका कुठला में ३०० मेट्रिक टन गेहूं, ओम साईंराम वेयरहाउस में १५० मेट्रिक टन गेहूं पड़ा हुआ है। समय पर पुराने गेहूं का उठाव कराया जाना चाहिए, लेकिन अधिकारियों की मनमानी के कारण उठाव
नहीं हो पा रहा।

जिले की अलग-अलग गोदामों में २२०० मेट्रिक टन गेहूं पूर्व के वर्षों का भंडारित है। नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा हाल के वर्षों का उठाव कराकर राशन दुकानों में भेजा जा रहा है। पुराने का उठाव नहीं कराया जा रहा, जिससे वह खराब हो रहा है।
वायएस सेंगर, जिला प्रबंधक मप्र वेयर हाउस
गोदामों में भंडारित गेहूं बहुत पुराना हो गया है। गेहूं ठीक भी नहीं है, इसलिए उठाव नहीं कराया जा रहा है। पूर्व में डीसीसी की भी प्रक्रिया कराई गई है। अनुमति के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है। जब अनुमति मिल जाएगी तो उठाव कराया जाएगा।
केएल शर्मा
जिला प्रबंधक नान