
शास्त्रों के अमुसार अगर स्त्री-पुरुष सामाजिक, धार्मिक और पारिवारिक मान्यताओं के अनुसार शारीरिक संबंध बनाते हैं तो यह एक पवित्र घटनाक्रम होता है। शास्त्रों में विवाह के बाद ही स्त्री-पुरुष के शारीरिक संबंधों को पूर्ण रूप से शुद्ध माना गया है। लेकिन कई लोग बिना किसी समय के शारीरिक संबंध बना लेते हैं जिन्हें पवित्र नहीं माना जाता। शास्त्रों में गर्भधारण के कुछ नियम बताए गए है और साथ ही यह भी कहा गया है कि पति और पत्नी अगर आने वाले अपने नई पीढ़ी को आगमन इन नियमों के मुताबिक करते है तो इस प्रकार गर्भणारण से उत्पन्न संतान से माता-पिता और परिवार को किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं होगा। गर्भधारण के लिए शास्त्रों में दिनों का उल्लेख किया गया है जो शुभ और अशुभ माने जाते हैं।
गर्भ संस्कार के अनुसार ये चार दिन बताए गए हैं शुभ
सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार इन चार दिनों को गर्भधरण करने के लिए माना गया है शुभ और सप्ताह के दो तिन दिन मंगलवार, शनिवार और रविवार को अशुभ माना गया है। इन तिन दिन पति-पत्नी को शारीरिक संबंध नहीं बनाना चाहिए।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार के दिन का मालिक चंद्रमा होता है और चंद्रमा शुभ ग्रह माना जाता है, सोमवार का दिन गर्भधारण करने के लिए बहुत शुभ माना गया है। इस दिन गर्भधारण करने से बच्चा मानसिक रुप से मजबूत, शांत और प्रतिभाशाली पैदा होता है।
मंगलवार के दिन संतान की प्राप्ति की सोच से बनाए गए संबंध को शुभ नहीं माना जाता क्योंकि मंगल को क्रोधी और विनाशकारी ग्रह माना गया है, मंगल ग्रह के प्रभाव में जन्मी संतान क्रोधी व घमंडी होती है।
बुधवार के दिन ज्योतिष शास्त्र में गर्भधारण के लिए शुभ माना गया है, इस दिन गर्भधारण करने से संतान बौद्धिक और प्रतिभवान होती है। क्योंकि बुध ग्रह का मेघा शक्ति का सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है।
बृहस्पतिवार का दिन गर्भधारण के लिए श्रेष्ठ माना गया है, गुरु शिक्षा, ज्ञान और सहायता का ग्रह माना जाता है। इस दिन गर्भधारण से बच्चा सेवाभावी, भावनाओं की कद्र करने वाला विद्वान होता है।
शुक्रवार के दिन गर्भधारण करना बहुत उत्तम माना जाता है। शुक्र भौतिक सुख-संपदा का ग्रह कहलाता है, इस दिन गर्भधारण करने से बच्चा अपना नाम कमाने वाली होती है, फिल्मी दुनिया, नाट्य कला आदि में अच्छा मुकाम हासिल करती है।
शनिवार के दिन भूलकर भी गर्भधारण नहीं करना चाहिए, यह ग्रह ज्योतिष में पाप ग्रह माना जाता है। शनि प्रभाव से होने वाली संतान निराशावादी और नकारात्मक सोच वाली मानी जाती है।
रविवार का दिन भगवान सूर्य का दिन माना जाता है और इस दिन पूजा अर्चना के लिए समर्पित किया जाता है। संतान रविवार को बनाए गए संबंधों के कारण होती है तो उसे ईर्ष्यालू, क्रोधी, झगड़ालू होती है। स्वभाव में गर्मी होने के कारण संतान जिद्दी होती है।
Published on:
27 Apr 2018 05:23 pm
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