scriptPandit Pradeep Mishra: भाई, गुरु व मंदिर की संपत्ति खाने वाला कभी सफल नहीं हो सकता, जानें पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्यों कही ये बात | person who eats the property of the guru and temple can never be successful | Patrika News
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Pandit Pradeep Mishra: भाई, गुरु व मंदिर की संपत्ति खाने वाला कभी सफल नहीं हो सकता, जानें पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्यों कही ये बात

Pandit Pradeep Mishra: एक मात्र गुरु ही होता है जीवन में जो आपका संताप यानि दुख-तकलीफ को खींचने वाला होता है। गुरु ही बिना स्वार्थ के आपको सही मार्ग पर चलाता है। भगवान की भक्ति में लगाता है।

राजनंदगांवJan 08, 2025 / 02:26 pm

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Pandit Pradeep Mishra

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Pandit Pradeep Mishra: छुरिया क्षेत्र के ग्राम हालेकोसा में आयोजित शिव महापुराण कथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने बताया कि जीवन में दो चीजे मिलती हैं- पहला संपत्ति और दूसरा संताप। जीवन में कभी भी भाई, गुरु और भगवान (मंदिर) की संपत्ति को मत खाओ। इन संपत्ति को खाने वाला कभी सुखी नहीं होता। उन्हें शारीरिक कष्ट और दुख हमेशा रहता है। उन्होंने बताया कि यहां आपके जीवन में रिश्तेदार, परिवार, कुटुम्ब, मित्र सहित अन्य सभी संपत्ति खींचने वाले होते हैं, एक मात्र गुरु ही होता है जीवन में जो आपका संताप यानि दुख-तकलीफ को खींचने वाला होता है। गुरु ही बिना स्वार्थ के आपको सही मार्ग पर चलाता है। भगवान की भक्ति में लगाता है।
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उन्होंने जीवन में समय की महत्ता को बताते हुए कहा कि पेन की स्याही कब खत्म होगी, ये तो आप देख सकते हैं, लेकिन इस जीवन रूपी पेन की स्याही (श्वास) कब खत्म हो जाए। इसका किसी को कोई पता नहीं। इसलिए समय का सदुपयोग करो। धन, संपत्ति और चीजें वापस आ सकती है, लेकिन समय नहीं।
जीवन में चार अवस्था होती है, बचपन, युवा, अधेड़ी और बुढ़ापा। आप धन संपत्ति कमाने में पूरा जवानी और अधेड़ी लगा देते हो। भगवान की भक्ति बाद में कर लेंगे सोचकर, लेकिन जब अचानक ही आपके जीवन की स्याही खत्म हो जाती है, तो फिर सारे कमाए हुए धन-दौलत को यही छोड़कर जाना पड़ता है और वहां सिर्फ कर्म और आपके द्वारा किए भगवान की भक्ति का हिसाब होता है। इसलिए हर पल, हर क्षण उस परमात्मा को याद करते हुए स्मरण करते हुए चलें। यहां कब कहां कौन सा हादसा हो जाए, कोई पता नहीं। यह जीवन परीक्षा मिले समय की तरह है। इसलिए इसे व्यर्थ नहीं गंवाना है। इस कीमती समय भगवान का स्मरण नहीं किए तो उसी कक्षा में रहना पड़ जाएगा।
उन्होंने कहा कि हेलमेट लगाने, सीट बेल्ट बांधने से पुलिस और सरकार को कोई फायदा नहीं है। इसी प्रकार गुरु आपका को मार्ग दिखा सकता है, उस पर चलने से गुरु को नहीं आपको ही फायदा है। उन्होंने पूरे देश को साइबर क्राइम के संबंध में बताते हुए जागरूक और जानकार बनने की सलाह दी।
उन्होंने छत्तीसगढ़ के लोगों को बहुत सहज और सरल बताते हुए कहा कि यह माता कौशल्या की जन्मभूमि है। पहले यहां के लोग नशा नहीं करते हैं। बाहरी लोग आए और यहां के लोगों की सरलता को देखते हुए उनकी धन संपत्ति लूटने के लिए नशे का आदी बना दिया और आपको कर्जदार बना दिया। अब यहां के लोगों को दर-दर जाकर काम करना पड़ रहा है क्योंकि यहां की संपत्ति को बाहरी लोग हड़प चुके हैं। छत्तीसगढ़वासियों सावधान हो जाओ। आप अपनी जमीन के मालिक हो सेठ हो, अपनी जमीन की कीमत समझो।
भगवान ब्रह्मा ने ब्रह्म लोक में निवासरत हैं, भगवान विष्णु बैकुंठ के मालिक हैं। भगवान शंकर ने पृथ्वी मांगा। उन्हें ब्रह्मा और विष्णु ने कहा पृथ्वी में तो दुख-तकलीफ, ईर्ष्या-द्वेष और पाप है। तब भगवान शंकर ने कहा कि जो भगवान की भक्ति और सदकर्म में जीवन लगाएगा, वह शंकर का संतान हो जाएगा। उनकी दुख-तकलीफ को हरने के लिए उन्हें भक्ति मार्ग में गुरु जोड़ेगा।

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